चुनाव खत्म होते ही बिजली फिर से दिखाने लगी अपना रंग

-24 घंटे सप्लाई के दौरान भी बिजली की हो रही कटौती

- गर्मी का मौसम शुरू होते ही बढ़ रही परेशानी

Meerut। शहर में चुनावी मौसम खत्म होते ही बिजली ने अपना रंग दिखाना शुरू कर दिया है। यही कारण है कि दो दिनों से शहर में बिजली की अंधाधुंध कटौती की जा रही है। बिजली कटौती का यह आलम तब है जब शासन ने शहर को 24 घंटे पावर सप्लाई के आदेश दिया है। बावजूद इसके विभाग शहर में बिजली कटौती को कंट्रोल नहीं कर पा रहा है।

बिजली कटौती से बुरा हाल

दरअसल, शहर में पिछले दो दिनों से बिजली कटौती से बुरा हाल है। 24 घंटे पावर सप्लाई आदेश के विपरीत शहर में 4 से 5 घंटों तक की कटौती की जा रही है। शनिवार को भी शहर में बिजली कटौती से बुरा हाल रहा। कई स्थानों पर घंटो बिजली कटौती की गई, जिससे शहरवासियों में बिजली को लेकर आक्रोश छाया रहा।

पीक ऑवर्स में छाया संकट

शहर में सबसे अधिक बिजली कटौती सुबह और शाम को की जा रही है। जबकि इसी समय शहरवासियों को बिजली-पानी की सबसे अधिक समस्या होती है। दरअसल, सुबह सात से नौ बजे के बीच ही बच्चे स्कूल व नौकरी पेशा वाले लोग घर से बाहर निकलते हैं, जबकि जरूरत के मुताबिक सुबह के समय में ही घरों में भी घरेलू कामों के लिए बिजली-पानी की अधिक आवश्यक्ता होती है। इसी समय बत्ती गुल रहने के कारण जहां लोगों को नहाने तक का पानी मयस्सर नहीं हो पता वहीं पानी न मिलने से घर की औरतें भी मुसीबत में आ जाती हैं।

यहां भी रही कटौती

इधर, कई क्षेत्रों में पिछले दो दिनों से बिजली कटौती की समस्या बनी हुई है। गंगानगर बिजली घर फ‌र्स्ट और सेकेंड से कनेक्टेड अब्दुल्लापुर, बक्सर, रजपुरा, अमन विहार, गंगा धाम, गंगानगर, गंगा सागर आदि दर्जन भर कॉलोनियों में सुबह 7:00 बजे से 10 बजे तक बिजली की लुकाछिपी चलती रही, जबकि नेहरु नगर, फूल बाग, सम्राट कॉलोनी, वैशाली और पंचशील कॉलोनी में सुबह 6:30 बजे से 8:00 बजे तक कटौती की गई। वहीं रामनगर, हापुड अड्डा और लिसाड़ी के कई क्षेत्रों में सुबह 7 से 9:00 बजे तक बिजली गुल रही। जिससे बिजली व पानी की गंभीर समस्या गहरा गई है।

वर्जन

जिस समय बिजली की सबसे अधिक जरूरत होती है। उसी समय बिजली न होने से सारा काम लेट हो जाता है। सुबह और शाम को बिजली उपलब्ध रहनी चाहिए।

-शिमला खारी, रामनगर

गर्मी का मौसम शुरू हो गया है। ऐसे में पानी की सबसे अधिक जरूरत होती है। बिजली न होने के कारण सुबह - सुबह पानी की समस्या पैदा हो जाती है। यहां तक की कई बार बच्चों को बिना नहलाए ही स्कूल भेजना पड़ता है।

-गरिमा शर्मा, गंगानगर

शहर में बिजली का बुरा हाल है। 24 घंटे के आदेशों के बावजूद भी 5 से 6 घंटों की कटौती की जा रही है। सबसे अधिक समस्या पानी की है।

-मनीष शर्मा, बक्सर

एक्जाम डिक्लयेर हो गए हैं। ऐसे में पढ़ाई के लिए बिजली की सबसे अधिक जरूरत होती है। बिजली न होने से पढ़ाई ठीक से नहीं हो पाती।

लव खारी, शास्त्रीनगर

कंट्रोल रूम से जितनी बिजली मिल रही है। उतनी सप्लाई दी जा रही है। कभी-कभी ओवरलोडिंग के चलते इमरजेंसी कटौती की जाती है।

-आरके राणा, एसई अर्बन