- शहरवासियों ने ट्रैफिक जाम की गिनाई पांच बड़ी समस्या

- पब्लिक अवेयरनेस को भी बताया सुधार के लिए जरूरी

इंट्रो- यातायात व्यवस्था में जाम के झमेलों का जख्म अब नासूर बन चुका है। मुख्य मार्गो की तो बात ही क्या शहर में ऐसी सड़क या चौराहा नहीं जहां जाम की विकट स्थिति न हो। जाम की इस स्थिति के लिए जितना दोषी सरकारी सिस्टम है, उससे कम हम खुद भी दोषी नहीं हैं। इस पर शहरवासियों ने बेबाकी से अपनी राय रखी। दैनिक जागरण आईनेक्स्ट की कैम्पेन 'नाइसिल प्रजेंट्स गर्मी में लगी क्या' शास्त्रीनगर स्थित मेरठ पब्लिक ग‌र्ल्स इंटर कॉलेज (एमपीजीएस), सेंट्रल मार्केट और समुंद्रा हुंडई में आयोजित की गई। इस दौरान टीचर्स, व्यापारी और शहर के कोने-कोने से आए लोगों ने ट्रैफिक समस्या को लेकर अपने विचार रखे

Meerut। शहर में जाम की समस्या से आम लोग हर रोज दो चार होते हैं। शहर के कई इलाकों की पहचान ही जाम के रास्तों के नाम से होने लगी है.दैनिक जागरण आईनेक्स्ट की कैम्पेन 'नाइसिल प्रजेंट्स गर्मी में लगी क्या' में शहरवासियों का बदहाल ट्रैफिक सिस्टम को लेकर गुस्सा देखने को मिला। उन्होंने कहा कि शहर की ट्रैफिक पुलिस और ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट के पास ट्रैफिक कंट्रोल करने का कोई सटीक प्लान नहीं है।

पब्लिक अवेयरनेस भी जरूरी

एमपीजीएस की टीचर अर्चना त्यागी ने कहा कि स्कूल टाइम में जाम की समस्या अधिक देखने को मिलती है। जिसका एक मुख्य कारण यह भी है कि पैरेंट्स अपने बच्चों को स्कूल छोड़ने बड़ी-बड़ी कारों में आते हैं। यदि कारों के स्थान पर पैरेंटे्स टू व्हीलर का इस्तेमाल करें तो जाम को काफी हद तक कंट्रोल किया जा सकता है। वहीं समुंद्रा हुंडई के मोहित अग्रवाल ने कहना है कि यदि ट्रैफिक पुलिस सख्ती से पेश आए तो लोगों में इसका डर बन सकता है, जिससे ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने वालों में कमी आएगी।

युवाओं ने दिए सुझाव

-शहर से रोडवेज बस अड्डों को बाहर शिफ्ट किया जाए।

-नो टेंपो जोन में ऑटो और ई-रिक्शा की बढ़ती तादाद को रोका जाए।

-चौराहों पर ट्रैफिक पुलिस की मुस्तैदी बढ़ाई जाए।

- खराब पड़ी सिग्नल लाइट्स को भी सही कराया जाए

- ट्रैफिक व्यवस्था को सुगम बनाने के लिए सार्थक कदम उठाए जाएं

महिलाओं ने ये दिए सुझाव

- ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने पर हो कठोर कार्रवाई

-शहर में ई-रिक्शा की अधिकता पर भी रोक लगाई जाए

-अवैध रूप से चल रहे ई- रिक्शा पर भी रोक लगाई जाए

-सड़कों से अतिक्रमण को सख्ती से हटाया जाए

- डिवाडर्सं में लगे कट को ठीक कराया जाए

वर्जन

शहर में बढ़ती ई-रिक्शा को नियमित कर क्षेत्रवाइज उनकी लिमिट बांध देनी चाहिए। इसके अलावा ड्राइवर्स को ट्रेनिंग दी जानी चाहिए।

-प्रतीक शर्मा, समुंद्रा हुंडई

सड़कों पर अतिक्रमण और अवैध रूप से बने विवाह मंडप जाम का कारण बनते हैं। इसके साथ ही अवैध पार्किंग से जाम लग जाता है।

-नेहा कौशिक, समुद्रा हुंडई

नो एंट्री में हैवी व्हीकल्स का आना जाम का एक मुख्य कारण है। ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट की ओर से भी कोई कार्रवाई नहीं होता। यह प्रैक्टिस निरंतर जारी रहती है।

-अर्चना त्यागी, एमपीजीएस

शहर में जाम की शुरुआत चौराहों से होती है। चौराहों पर ही ट्रैफिक रूल्स का सबसे अधिक अतिक्रमण होता है। ऐसे में चौराहों पर ही अधिक सख्ती बरती जाए।

-अदिति शर्मा, एमपीजीएस

शहर में जाम एक बड़ी समस्या है। इसका मुख्य कारण सड़कों पर अतिक्रमण हैं। सड़कें लगातार सिकुड़ती जा रही हैं। ऐसे में जाम लगना लाजमी है।

-संजीव रस्तौगी, सेंट्रल मार्केट