पचौरी के खिलाफ नया मोर्चा

यौन उत्पीड़न के आरोपों में घिरे टेरी के कार्यकारी उपाध्यक्ष आरके पचौरी के खिलाफ अब 'द एनर्जी एंड रिसोर्सिस इंस्टिट्यट' (टेरी) के छात्र भी खड़े हो गए हैं। वर्ष 2013-15 के छात्रों ने उनके हाथों अपनी डिग्री लेने से इन्कार कर दिया है। यह डिग्री 7 मार्च को होने वाले एक कंवोकेशन के दौरान दी जानी है। छात्रों का कहना है कि वह इस स्थिति में नहीं हैं कि पचौरी से डिग्री लें। इसके अलावा एक और महिला ने भी पचौरी पर यौन शोषण का आरोप लगाया है।

एक और महिला ने लगाया यौन शोषण का आरोप

टेरी के नव नियुक्त एग्जिक्युटिव वाइस चेयरमैन आर. के. पचौरी पर एक और महिला सहकर्मी ने यौन शोषण का आरोप लगाया है। टेरी की इस पूर्व महिला कर्मचारी ने पचौरी को इस पद को सौंपने पर कोसा है। महिला ने बुधवार को आरोप लगाया है कि 10 साल पहले पचौरी ने उनका यौन शोषण किया था। पचौरी को एक्जिक्यूटिव पद देने को लेकर महिला ने टेरी को भी आड़े हाथों लिया और कहा कि देश में महिला का शोषण कंट्रोल नहीं हो रहा है। इस बारे में उसने पिछले साल फरवरी में पहली बार इस मामले में पुलिस में शिकायत दर्ज कराई गई। लेकिन पुलिस ने उनपर ही मामले को बाहर सुलझाने के अलावा कुछ नहीं किया। एक टीवी चैनल पर महिला ने आरोप लगाया कि काम के बहाने हमेशा मुझे ऑफिस में बुला लिया करते थे, जबकि वहां किसी काम पर बातचीत नहीं होती थी। महिला के मुताबिक, 'इससे मैं बहुत ही असहज महसूस करती थी। इस वजह से मैं मीटिंग में जाना नहीं चाहती थी। अपने सहकर्मियों को मीटिंग में जाने के लिए कहती थी।

छात्रों किया डिग्री लेने से इंकार

टेरी के पूर्व कर्मचारी, छात्र पचौरी के खिलाफ टेरी के पूर्व कर्मचारियों और इसके विश्वविद्यालय के पूर्वछात्रों के एक समूह ने संस्था के कार्यकारी उपाध्यक्ष के रूप में आरके पचौरी की नियुक्ति की निंदा करते हुए कहा कि यह उन लोगों के मुंह पर एक तमाचा है, जो लैंगिक भेदभाव के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे हैं। उन्होंने उनकी नियुक्ति को तब तक के लिए टाले जाने की मांग की है जब तक कि अदालत मामले में फैसला नहीं कर लेती।

छात्रों ने जताया नियुक्ति पर अफसोस

कुछ चिंतित पूर्व टेरी कर्मचारियों और टेरी विश्वविद्यालय पूर्व छात्र नेटवर्क के सदस्यों ने एक बयान में कहा है कि टेरी के 'सुपरबॉस' के रूप में पचौरी की यह ताजा नियुक्ति उन सभी (महिलाओं और पुरुषों) के मुंह पर तमाचा जैसा है, जिन्होंने कभी न कभी कार्यस्थल पर लैंगिक भेदभाव या यौन उत्पीड़न के खिलाफ खड़े होने की कोशिश की है। छात्रों का आरोप है कि डॉक्टर पचौरी ने अपने ऊपर लगे आरोपों को झूठा साबित करने के लिए न सिर्फ अपने राजनीतिक संबंधों का इस्तेमाल किया बल्कि मीडिया को भी पक्ष में करके कानूनी प्रकिया में अवरोध उत्पन्न करने की पूरी कोशिश की। उन्होंने साफ कर दिया है कि जिस तरह के उनके ऊपर आरोप में हैं ऐसे में उनके हाथों डिग्री लेने का कोई अर्थ नहीं रह जाता है।

आरोप लगाने वाली महिला ने भी दुख जाहिर किया

आरके पचौरी को टेरी का कार्यकारी उपाध्यक्ष नियुक्त किए जाने पर उन पर यौन शोषण का आरोप लगाने वाली महिला ने निराशा जाहिर की है। इस 29 वर्षीय पूर्व कर्मचारी ने एक खुले पत्र में नए पद का सृजन करने और पचौरी के खिलाफ गंभीर आपराधिक आरोप होने के बावजूद संस्थान को चलाने के लिए कार्यकारी शक्तियों के साथ उनकी नियुक्ति के लिए हरित निकाय के संचालन परिषद की आलोचना की।

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