जारी है गवाही
मुंबई हमलों के मामले में लश्कर आतंकी डेविड हेडली की वीडिया कांफ्रेंसिंग के जरिये शिकागो जेल से मुंबई कोर्ट में गवाही चल रही है। ये पहला मौका है कि जब विदेशी जेल में बंद किसी आतंकी की भारतीय अदालत में पेशी हो रही है। हेडली मंगलवार को भी सुबह 7 बजे से दोपहर 12.30 बजे के बीच गवाही देगा। कोर्ट की कार्यवाही में हिस्सा लेने के लिए सरकारी वकील उज्जवल निकम कोर्ट में मौजूद हैं। हेडली को आतंक और दहशत गर्दी के मामले में अमेरिकी कोर्ट ने 35 साल की सजा सुनाई है। भारत को बीते दिनों उससे पूछताछ की इजाजत मिली थी।

खुल सकते हैं कई राज
इससे हमले के संदर्भ में और खुलासे होने की संभावना है। कोर्ट में इस मामले में षड्यंत्र रचने वाले सैयद जबीउद्दी अंसारी उर्फ अबु जुंदाल के खिलाफ मुकदमा चल रहा है।
विशेष लोक अभियोजक उज्ज्वल निकम ने कहा कि भारतीय न्याय व्यवस्था के इतिहास में पहली बार विदेशी आतंकी भारतीय कोर्ट के सामने होगा और गवाही देगा। निकम ने कहा कि 26/11 हमले के मामले में और खुलासे करने के लिए हेडली की गवाही बयान महत्वपूर्ण है। मुंबई पुलिस के एक अधिकारी ने कहा कि हेडली कई लोगों के नाम बताकर आपराधिक षड्यंत्र को और विशद कर सकता है।

किया था पाकिस्तान की भूमिका के खुलासे का वादा
वह पाकिस्तान की भूमिका का भी खुलासा कर सकता है। कोर्ट ने 10 दिसंबर 2015 को हेडली को वाहा माफ गवाह बनाया था और कोर्ट में 8 फरवरी को बयान दर्ज कराने का आदेश दिया था। हेडली वर्तमान में मुंबई हमले के लिए अमेरिका में मिली 35 साल की सजा काट रहा है। उसने जज जीए सनप से कहा था कि यदि उसे वादा माफ गवाह बनाया जाता है तो वह कोर्ट में बयान देने को तैयार है। जज ने कुछ शर्तों के साथ उसे माफी दे दी थी। जिसके बाद उसने ये साफ बताया कि हमले में पाकिस्तान ने महत्वपूर्ण भूमिका अदा की थी।

हेडली ने क्या क्या कबूला
1. हेडली ने अपने कुबूलनामे में कहा था कि आइएसआइ की मदद से लश्कर ने आतंकी हमले को अंजाम दिया था।
2. आइएसआइ का ब्रिगेडियर रिवाज लश्कर प्रमुख लखवी का हैंडलर था।
3. जबकि आइएसआइ के मेजर जनरल इकबाल और समीर अली रिवाज के हैंडलर थे।
4. दिल्ली में उपराष्ट्रपति के घर की रेकी की थी।
5. लखवी की गिरफ्तारी के बाद आइएसआइ चीफ शुजा पाशा उससे मिलने गए थे।
इस बारे में सीआइए के पूर्व विश्लेषक ब्रुस रीडेल का कहना था कि पाकिस्तानी सेना और आइएसआइ की मदद से लश्कर ने मुंबई हमलों को अंजाम दिया था। अमेरिका में आतंकवाद पर विदेश मामलों की उप समिति के पूर्व अध्यक्ष ब्रैड शर्मन ने उपराष्ट्रपति जो बिडेन विदेश मंत्री जॉन केरी और रक्षा मंत्री कार्टर को पत्र लिखकर जानकारी दी थी।

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