- एआईसीटीई से जुड़े संस्थानों में छात्रों को देगा होगा एक्जिट टेस्ट

- टेस्ट के जरिए नौकरी मिलने में भी होगी आसानी

- इंजीनियरिंग की गिरती गुणवत्ता को बेहतर करने उठाया जाएगा कदम

ravi.priya@inext.co.in

DEHRADUN: इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी करने के बाद कैंडिडेट्स को एग्जिट टेस्ट देना होगा। यह टेस्ट ही उनकी काबिलियत तय करेगा। ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन (एआईसीटीई) जल्द ही देशभर के संस्थानों में इंजीनियरिंग कर रहे स्टूडेंट्स के लिए एग्जिट टेस्ट अनिवार्य करने जा रही है। हालांकि फैसले पर अभी अंतिम मुहर लगनी बाकी है। जानकारों की मानें तो टेस्ट के जरिए स्टूडेंट्स को रोजगार हासिल करने में भी आसानी होगी।

एआईसीटीई लगातार इंजीनियरिंग कोर्सेज को लेकर घटते रुझान और गिरती क्वॉलिटी को लेकर चिंतित है। एमएचआरडी भी इंजीनियरिंग में गिरते आंकड़ों को इसे लेकर लगातार फीडबैक ले रही है। इसी को देखते हुए भी इस समस्या पर पार पाने के लिए इंजीनियरिंग स्टूडेंट्स के लिए अलग से एक एफिशिएंसी टेस्ट आयोजित करने पर विचार किया जा रहा है। आंकड़ों के मुताबिक इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी करने के बाद पासआउट होने वाले स्टूडेंट्स में से ख्0 से फ्0 परसेंट स्टूडेंट्स ही अच्छी नौकरियां हासिल करने में कामयाब होते हैं। यह आंकड़ा किसी भी लिहाज से सराहनीय नहीं माना जा सकता। इसी को लेकर अब काउंसिल इंजीनियरिंग कॉलेजों में एप्टीट्यूड, स्किल्स और क्रिटिकल थिंकिंग टेस्ट को शामिल करने पर विचार कर रही है।

टीचिंग स्टैंडर्ड की भी होगी परख

इंजीनियरिंग स्टूडेंट्स के लिए एग्जिट टेस्ट शुरू करने से न सिर्फ स्टूडेंट्स की काबिलियत की परख होगी। बल्कि संस्थानों में टीचिंग स्टैंडर्ड किस लेवल का है इसका भी पता चलेगा। जानकारों की मानें तो काउंसिल जनरल एप्टिट्यूड टेस्ट (गेट) की तर्ज पर एग्जिट टेस्ट आयोजित करने का मन बना रही है। हालांकि गेट एग्जाम आईआईटी संस्थानों में एमटेक में एडमिशन लेने के लिए आयोजित किया जाता है, लेकिन एग्जिट टेस्ट युवाओं को रोजगार के बेहतर अवसर प्रदान करने में भी भूमिका निभाएगा। एग्जाम इंजीनियरिंग कोर्सेज के लास्ट इयर स्टूडेंट्स के लिए आयोजित होगा। टेस्ट के आधार पर स्टूडेंट्स को रोजगार हासिल करने में भी आसानी होगी।

काउंसिल का मकसद है कि क्वॉलिटी इंप्रूव हो। इसके लिए एग्जिट टेस्ट का ढांचा तैयार किया जा रहा है। आगामी काउंसिल की बैठक में इस पर विचार होना है। अगर सहमति बनी तो स्टूडेंट्स के लिए यह काफी लाभकारी होगा। लाखों स्टूडेंट्स को रोजगार मिलने में यह टेस्ट मददगार साबित होगा। फाइनल डिसीजन होने के बाद काउंसिल संस्थानों को इसे लेकर जानकारी साझा करेगी।

----- प्रो। पीके गर्ग, वाइस चांसलर, उत्तराखंड टेक्निकल यूनिवर्सिटी