- यूपीटीयू ने शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने के लिए शिक्षकों का एलिजिबिलिटी टेस्ट कराने का लिया निर्णय

- कई प्राइवेट इंजीनियरिंग कॉलेजों में शिक्षक भर्ती में चल रही मनमानी होगी बंद

LUCKNOW: उत्तर प्रदेश टेक्निकल यूनिवर्सिटी (यूपीटीयू) से एफिलिएटेड इंजीनियरिंग कॉलेजेस में अब शिक्षक भर्ती में कॉलेज मैनेजमेंट की मनमानी नहीं चलेगी। इन प्राइवेट कॉलेजों पर लगाम लगाने और इनकी शिक्षा की गुणवत्ता को सुधारने के लिए यूपीटीयू ने नई पहल की शुरुआत की है। यूपीटीयू ने इन कॉलेजों को अच्छी फैकल्टी उपलब्ध कराने के लिए शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) कराने का फैसला लिया है। इस पात्रता परीक्षा में सफलता पाने वाले कैंडीडेट्स ही इन कॉलेजों में शिक्षक के तौर पर नियुक्त होंगे। बुधवार को वाइस चांसलर प्रो। विनय पाठक की अध्यक्षता में हुई डीन और एसोसिएट डीन की बैठक में इस निर्णय पर मुहर लगाई गई।

हाल में डीन्स की हुई थी नियुक्ति

यूनिवर्सिटी वीसी प्रो। विनय पाठक ने हाल ही में यूनिवर्सिटी डीन्स व एसोसिएट डीन्स के पदों पर विभिन्न कॉलेजों के 21 शिक्षकों को नियुक्त किया है। बुधवार को इनकी पहली बैठक बुलाई गई थी। शिक्षकों ने कॉलेजों में अयोग्य शिक्षकों से पढ़वाए जाने की बात प्रमुखता से रखी। वीसी ने कहा कि कई कॉलेजों में शिक्षकों की कमी है। इसके चलते वहां अयोग्य शिक्षकों से पढ़ाई करवाई जा रही है। इसका नुकसान सीधे स्टूडेंट्स को पहुंच रहा है। इस पर नियुक्ति के लिए मानक तय किए जाने का प्रस्ताव दिया गया। इसी के तहत अब एलिजिबिलिटी टेस्ट की व्यवस्था को लागू किया जाएगा।

बनेगा टीचर्स का पूल, तब होगी नियुक्ति

वीसी प्रो। विनय पाठक ने बताया कि एलिजिबिलिटी टेस्ट क्वालीफाई करने वाले कैंडीडेट्स का पूल बनाया जाएगा। कॉलेज इस पूल से टीचर्स को नियुक्त कर सकेंगे। इतना ही नहीं, टीचर्स की नियुक्ति और उनकी सेवाओं के लिए भी यूनिवर्सिटी स्तर पर नियमावली तैयार की जाएगी। इससे कॉलेज टीचर्स को सीधे निकाल नहीं सकेंगे। इस नई व्यवस्था को असिस्टेंट प्रोफेसर के पद से लागू किया जाएगा। यह परीक्षा यूपीटीयू अपने लेवल से ऑर्गनाइज कराएगा। इसमें शामिल कैंडीडेट्स को स्कोर कार्ड भी दिया जाएगा। इस स्कोर कार्ड के आधार पर ही शिक्षक की भर्ती की जाएगी। कॉलेजों की शैक्षिक संरचना बिगड़ने का खतरा न रहे इसलिए फिलहाल, यह व्यवस्था असिस्टेंट प्रोफेसर के स्तर से लागू होगी।

करिकुलम भी होगा अपग्रेड

इस बैठक में करिकुलम भी अपग्रेड करने का फैसला लिया गया। वीसी ने बताया कि अभी कोर्स इंडस्ट्री की जरूरतों के मुताबिक नहीं है। ऐसे में नौकरी के समय स्टूडेंट्स पर कंपनियों को मेहनत करनी पड़ती है। साथ ही जरूरतों के मुताबिक दक्षता न होने के चलते पासआउट्स को भी प्रॉब्लम होती है। वीसी ने सभी कोर्सेस के करिकुलम को इंडस्ट्री की जरूरतों के मुताबिक तैयार करने को कहा। साथ ही प्रतियोगी परीक्षाओं के करिकुलम को भी इसमें शामिल करने की बात तय हुई।

टेक्नो फेस्ट से मिलेगा इनोवेशन को बढ़ावा

वीसी ने इंजीनियरिंग स्टूडेंट्स के बीच इनोवेशन को बढ़ावा देने के लिए टेक्नो फेस्ट कराने का भी निर्देश दिया। इसके तहत बड़े स्तर पर प्रतियोगिता कराकर प्रोत्साहित करने की बात तय हुई। वहीं कल्चरल और स्पो‌र्ट्स मीट भी कराने को कहा गया। इन प्रतियोगिताओं में फ‌र्स्ट प्लेस पाने पर 50 हजार रुपए, सेकेंड प्लेस पर 25 हजार और थर्ड प्लेस पर रहने वाली टीमों को 10 हजार रुपए तक का नकद पुरस्कार प्रदान किया जाएगा।