RANCHI: मुख्य सचिव राजबाला वर्मा ने कहा कि वैश्रि्वक निवेश सम्मेलन के दौरान हुए एमओयू को धरातल पर उतारने हेतु भूमि का निरीक्षण किया जा रहा है। राज्य सरकार गंभीर है कि उद्योगों की स्थापना सरकारी भूमि पर ही हो और कम से कम रैयतों की भूमि का अधिग्रहण करने की मंशा सरकार की है। अगर जरूरत पड़ी तो भूमि अधिग्रहण अधिनियम के तहत रैयतों को चार गुणा अधिक भूमि की राशि देकर भूमि अधिग्रहित की जाएगी। श्रीमती वर्मा गुरुवार को नामकोम, नगड़ी और ओरमांझी प्रखंड में स्थित भूमि का निरीक्षण के क्रम में बोल रही थीं। कहा कि उद्योगों की स्थापना हेतु संबंधित कंपनी को स्थल निरीक्षण एवं भूमि प्राप्त करने के लिए बुलाया जा रहा है, ताकि वे निर्माण की प्रक्रिया शुरू कर सकें।

नामकुम, नगड़ी व ओरमांझी में जमीन

श्रीमती वर्मा ने नामकुम के सोढा मौजा स्थित ख्क्0 एकड़ सरकारी भूमि का निरीक्षण किया और अधिकारियों को भूमि के पीलरींग हेतु प्रक्रिया पूर्ण करने का निदेश दिया। इसके बाद नगड़ी के साहेर मौजा स्थित फ्फ् एकड़ भूमि का निरीक्षण किया। मुख्यसचिव ने कहा कि नगड़ी सब्जी उत्पादन में अग्रणी है, इसलिए फ़ूड पार्क हेतु यह उपयुक्त स्थान होगा। इसके बाद मुख्यसचिव ने ओरमांझी प्रखंड स्थित ख्भ् और क्00 एकड़ भूमि का भी निरीक्षण किया।

ख्क्0 एमओयू के तहत जमीन चिन्हित

मुख्यसचिव ने कहा कि वैश्रि्वक निवेश सम्मेलन में हुए ख्क्0 एमओयू के लिए राज्य सरकार ने भूमि चिन्हित कर ली है। नामकुम में चिन्हित भूमि का आवंटन विभिन्न उद्योगों के लिए कैसे हो इस पर विचार कर निर्णय लिया जाएगा। राज्य सरकार उद्योग स्थापना और रोजगार सृजन पर लगातार कार्य कर रही है। भूमि निरीक्षण के दौरान विशेष सचिव पूजा सिंघल, निदेशक उद्योग के। रविकुमार, निदेशक भू-अर्जन, भू परिमाप, भू अभिलेख के। श्रीनिवाशन, उपायुक्त रांची मनोज कुमार, एल आरडीसी रांची अनवर हुसैन, अंचल अधिकारी नामकुम, अंचल अधिकारी रातू, अंचल अधिकारी नगड़ी भी मौजूद थे।