-रिनोवेशन पर डेढ़ करोड़ खर्च फिर भी छत से रिसता है पानी, दीवारों पर है सीलन

-इस हॉस्टल में बीएससी पार्ट वन, पार्ट टू और पार्ट थ्री के छात्रों को मिलते हैं कमरे

क्कन्ञ्जहृन्: साइंस कॉलेज के पांच हॉस्टलों मे से एक है कैवेंडिस हाउस हॉस्टल। इसका नामकरण हाइड्रोजन गैस को डिस्कवर करने वाले ब्रिटिश साइंटिस्ट हेनरी

कैवेंडिस के नाम पर किया गया। अपेक्षा यही रही कि यहां से निकलने वाले छात्र साइंस स्पिरिट से लबरेज अपनी विद्या में पारंगत होंगे। लेकिन वर्तमान स्थिति ऐसी रंगत नहीं दिखाती है।

करीब डेढ़ करोड़ रुपए की लागत से रिनोवेशन वर्क होने के बाद भी यहां समस्या जस की तस बनी हुई है। छत से पानी रिसता है जो कि बिल्डिंग का सीपेज करता है। इसी प्रकार अन्य समस्याएं भी हैं। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने इसकी पड़ताल की।

पढ़ाई के शानदार माहौल

केमिस्ट्री डिपार्टमेंट के कैवेंडिस हॉस्टल में शांतिपूर्ण तरीके से पढ़ाई करने के लिए शानदार माहौल है। इसमें दो फ्लोर है। इस हॉस्टल में बीएससी पार्ट वन, पार्ट टू और पार्ट थ्री- तीनों ईयर के छात्र रहते हैं। हॉस्टल के ग्राउंड फ्लोर पर सिंगल कमरे हैं जबकि फ‌र्स्ट फ्लोर पर हॉलनुमा कमरे हैं, जिसमें चार-चार छात्रों के एक साथ रहने की व्यवस्था है। यहां करीब 92 छात्र एक साथ रह सकते हैं। यह साइंस कॉलेज के उन हॉस्टलों में शामिल है, जिसका रिनोवेशन हो चुका है।

आधा अधूरा काम से छात्रों को परेशानी

कैवेंडिस हॉस्टल में रिनोवेशन वर्क ठेकेदार द्वारा आधा अधूरा छोड़ दिए जाने के कारण छात्रों को परेशानी झेलनी पड़ रही है। छत पर पहले से सीपेज की समस्या थी जो कि रिनोवेशन के बाद भी बरकारार है। इसके कारण फ‌र्स्ट फ्लोर के कमरों में सीपेज की समस्या है। इसी प्रकार, अभी हाल ही में बिल्डिंग की रंगाई पुताई की गई है। लेकिन चूना झड़कर गिरता है।

मेस की सुविधा नहीं

छात्रों ने बताया कि यहां हॉस्टल मिलने के बाद भी जेब पर बोझ कम नहीं है। मेस की सुविधा नहीं होने के कारण छात्र बाहर खाना खाने को मजबूर हैं। इसके अलावा यहां सिक्योरिटी की कोई व्यवस्था नहीं है। इसके कारण छात्र असुरक्षित माहौल में रह रहे हैं। यहां एक पुलिस पोस्ट है जो कि विश्वविद्यालय के ही खर्चे पर चलता है। जबकि सिक्योरिटी के लिए इस पोस्ट से कोई मदद नहीं मिलती है। कॉमन रूम में टीवी तो लगा है लेकिन बैठने की व्यवस्था तक नहीं है।

रिनोवेशन करने वाली एजेंसी काम अधूरा छोड़कर चली गई है। इस संबंध में पत्राचार कर सरकार को सूचना दी गई है। भारी भरकम खर्च के बाद भी इसका लाभ छात्रों को नहीं मिल पाया है।

एलएन राय, हॉस्टल सुपरीटेंडेंट, कैवेंडिस हॉस्टल

जो सुविधाएं नियमित रूप से मिलनी चाहिए, वह नहीं मिल रही है। साइंस हॉस्टल है लेकिन यहां साइंस की मैगजीन आदि की कोई व्यवस्था नहीं हैं।

प्रदीप कुमार, बीएससी पार्ट थर्ड

रिनोवेशन के बाद भी कई काम बाकी है। जिससे छात्रों को परेशानी हो रही है। कॉमन रूम में बैठने आदि की सुविधा तक नहीं है। खेलकूद का सामान भी नहीं है।

विकास कुमार, बीएससी पार्ट थर्ड

यहां मेस का भी प्रबंध नहीं किया गया है। हमें बाहर का खाना बहुत महंगा पड़ता है। हॉस्टल में छात्र सुविधाओं को नियमित करने की जरूरत है।

संदीप, बीएससी फ‌र्स्ट ईयर