2011 से लापता लड़के की तलाशी सहित आईजी की निगरानी में विवेचना का निर्देश

ALLAHABAD: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 15 मार्च 2011 से लापता कासना, गौतम बुद्ध नगर के पुष्पेन्द्र सिंह की तलाश सहित केस की आईजी की निगरानी में निष्पक्ष विवेचना करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने डीजीपी को योग्य पुलिस अधिकारी को विवेचना सौंपने का आदेश देते हुए कहा है कि छह हफ्ते में लापता की बरामदगी सहित दोषियों को पकड़ने का निर्देश दिया है।

फाइनल रिपोर्ट पर लगायी रोक

कोर्ट ने इस मामले में पुलिस की सीजेएम गौतम बुद्धनगर की अदालत में पेश फाइनल रिपोर्ट पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि विवेचना पूरी होने तक कोर्ट पुलिस रिपोर्ट पर विचार न करे। कोर्ट ने लापता लड़के के पिता याची को छूट दी है कि यदि विवेचना ठीक से नहीं होती है तो वह कोर्ट की शरण में आ सकता है। यह आदेश जस्टिस रमेश सिन्हा व केपी सिंह की खंडपीठ ने रामवीर सिंह की याचिका पर दिया है।

हत्या की जतायी आशंका

याचिका पर अधिवक्ता राम कुमार सिन्हा ने बहस की। मालूम हो कि याची के पुत्र पुष्पेन्द्र सिंह व पूजा त्यागी ने शादी कर ली। पुलिस उत्पीड़न से सुरक्षा के लिए हाईकोर्ट से संरक्षण ले लिया। जिस दिन कोर्ट आदेश की जानकारी गाजियाबाद के मुरादनगर पुलिस को दी गई उसी दिन पूजा के पिता श्रद्धानंद त्यागी ने प्राथमिकी दर्ज करा दी और अपनी बेटी के अपहरण का आरोप लगाया। पुलिस ने लड़की का बयान दर्ज करने के बाद फाइनल रिपोर्ट लगा दी। एक दिन लड़की के पिता उसे जबरन घर ले गए उसी दिन से पुष्पेन्द्र लापता है। याची ने अपने लड़के की हत्या की आशंका में लड़की के पिता व अन्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई। दूसरी तरफ लड़की की तरफ से ससुराल वालों के खिलाफ मारपीट, हत्या के प्रयास का केस दर्ज कराया गया।

विवेचना को बताया अविश्वसनीय

पुलिस ने विवेचना करते हुए पुष्पेन्द्र को लापता बताते हुए याची के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की और पुष्पेन्द्र की बरामदगी बगैर अपहरण, हत्या मामले में भी फाइनल रिपोर्ट लगा दी। जिस पर यह याचिका दाखिल की गई। कोर्ट ने पुलिस विवेचना को अविश्वसनीय माना और नए सिरे से आईजी की निगरानी में छह हफ्ते में विवेचना पूरी करने का निर्देश दिया है।