- घटना की स्पष्ट वजह नहीं बताई, शूटर मुनीर, असलहे और बाइक नहीं मिले

- आनन-फानन में रैयान और जैनी को गिरफ्तार कर भेजा जेल

- रातभर गांव में रहा मुनीर, पुलिस की लापरवाही से भाग निकला

LUCKNOW: एनआईए अफसर तंजील अहमद की हत्या के मामले में मंगलवार को बिजनौर पुलिस ने दो आरोपितों मोहम्मद रैयान और मोहम्मद जैनी को गिरफ्तार कर इस सनसनीखेज मामले से पर्दा हटा दिया। हालांकि मुख्य आरोपी मुनीर के गिरफ्त से दूर होने की वजह से कई सवालों के जवाब मिलने अभी बाकी हैं। अभी वारदात में शामिल चारों असलहे व काले रंग की पल्सर बाइक भी बरामद नहीं हुए हैं। जांच में साफ हो चुका है कि वारदात के बाद मुनीर सहसपुर में ही रातभर रुका। लेकिन स्थानीय पुलिस की लापरवाही से आसानी से भाग निकला।

मुखबिरी के शक में हत्या की आशंका

'आई नेक्स्ट' के पास बिजनौर पुलिस की रिपोर्ट भी हैं जिसमें घटना से जुड़े तमाम पहलुओं का विस्तार से जिक्र है। रिपोर्ट में बताया गया है कि दिसंबर 2015 में बिजनौर के धामपुर में पंजाब नेशनल बैंक के करेंसी चेस्ट को लूटा गया था। मुनीर को शक था कि तंजील ने इस घटना में उसकी लिप्तता की सूचना पुलिस को दी है क्योंकि यह मामला बेहद गोपनीय था। वहीं, तंजील अक्सर उस पर रौब भी झाड़ा करता था। दोनों ने मिलकर दो प्लॉट भी खरीदे थे जिसे लेकर उनके बीच विवाद शुरू हो गया था। रिपोर्ट के मुताबिक वारदात में चार असलहों का इस्तेमाल हुआ।

जैनी ने की थी मुखबिरी

जैनी ने तंजील के गांव में आने की सूचना मुनीर को दी। उसने ही असलहों से भरा बैग भी मुनीर को लाकर दिया था। मुनीर ने एक पिस्टल फंसने के बाद तीन असलहों से 24 गोलियां तंजील पर दाग दीं। वारदात को अंजाम देने के बाद तीनों अपने-अपने घर जाकर सो गये। अगले दिन घर पर आये अपने फुफेरे भाई बॉबी को मुनीर ने मुस्कराते हुए बताया कि तीन गोली मारने के बाद भी तंजील हिल रहा था। चौथी गोली मारने पर वह शांत हो गया। इसके बाद उसने पिस्टल और रिवॉल्वर से ताबड़तोड़ कई फायर किए।

कई बार किया रैयान को अपमानित

रैयान ने बताया कि तंजील ने कई मौकों पर मदद नहीं की थी। इसलिए उसने गुस्से में आकर उन्हें ठिकाने लगाने की योजना बनाई। रैयान ने पुलिस को बताया कि उसकी बुआ निखहत और फूफा तसलीम की पड़ोसी से लड़ाई हो गयी थी। उसने तंजील से पुलिस से सिफारिश करने को कहा जो उसने नहीं की। बाद में दोनों को जेल जाना पड़ा। वहीं दिल्ली में स्थित उसके चाचा के मकान को मुनीर ने अपनी दुकान के बदले ले लिया जिसमें उन्हें खासा नुकसान हो गया था। उसके पिता के मौसेरे भाई के पार्टनर ने प्रॉपर्टी के काम का एक करोड़ रुपये नहीं दिया तो उसने मुनीर से मदद मांगी। मुनीर ने उसके रिश्तेदार की पार्टनरशिप खत्म कराकर अपने ममेरे भाई नवील को पार्टनर बना दिया। विरोध करने पर तंजील ने रैयान से कहा कि 'तुम खैरात और जकात पर पलने वाले और चंदे पर जीने वाले हो.' कुछ दिनों बाद तंजील ने उसकी बुआ पर मोबाइल चोरी का आरोप भी लगाया था।

तीनों पर मुकदमे हैं दर्ज

मुनीर पर आठ तथा रैयान और जैनी के खिलाफ एक-एक मुकदमा भी दर्ज है। अलीगढ़ में एक मुकदमे में मुनीर पर पांच हजार रुपये का इनाम भी घोषित हुआ था जो हाल ही में बढ़कर पचास हजार किया गया है। वहीं तंजील की हत्या के मामले में भी मुनीर की गिरफ्तारी पर दो लाख रुपये का इनाम घोषित कर दिया गया है। मुनीर की तलाश में बिजनौर पुलिस और एसटीएफ कई राज्यों में छापेमारी कर रही है। आईजी लॉ एंड आर्डर दीपक रतन ने बताया कि मुनीर की तलाश तेजी से की जा रही है। उसकी गिरफ्तारी के बाद ही घटना से जुड़े तमाम अन्य पहलुओं का खुलासा होगा। वहीं सूत्रों के मुताबिक रैयान और जैनी के परिजनों ने बिजनौर की अदालत में बंदी प्रत्यक्षीकरण की याचिका दाखिल कर दी थी जिसके बाद आईजी जोन बरेली विजय सिंह मीना को आनन-फानन में बिजनौर में वारदात का खुलासा करना पड़ गया।

हत्या सहसपुर के ही शातिर अपराधी मुनीर ने अपने दोस्त सहसपुर के मोहल्ला मोलवियान निवासी रियान व मोहम्मद जैनी के साथ मिलकर की थी। हमने दोनों को गिरफ्तार कर लिया है।

-विजय सिंह मीणा, आइजी जोन बरेली

पुलिस की कहानी

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रैयान ने बताया कि उसकी बुआ निखहत व फूफा तसलीम का दिल्ली के रंजीत नगर में पड़ोसी से झगड़ा हो गया था, जिसमें फूफा को जेल जाना पड़ा था, लेकिन तंजील ने मदद नहीं की थी।

2

तंजील ने अपने फायदे के लिए अपने बहनोई व रैयान के चाचा जकावत पर दबाव डालकर दुकान के बदले मकान बदल लिया था। रैयान का कहना है कि चाचा के साथ धोखाधड़ी की गई है।

3

रैयान का मौसेरा भाई केसर दिल्ली में प्रॉपर्टी का काम करता था। उसके पार्टनर बदरुल खां ने एक करोड़ हड़प लिए थे। तंजील ने मदद की बजाय केसर को अलग कराकर अपने ममेरे भाई नवील की बदरुल से पार्टनरशिप करा दी थी। तंजील ने रियान की बुआ पर मोबाइल चोरी का भी आरोप लगाकर बदनाम किया था। इस पर रैयान रंजिश रखने लगा था।