-चाइल्ड लाइन करा रहा था 9 महीने के बच्चे की किडनी की बीमारी का इलाज

-तीन दिन में जीएसवीएम के बालरोग से एम्स तक रेफर करते रहे, नहीं किया इलाज

KANPUR:

9 महीने पहले चकेरी में एक झोले में मिले नवजात की गुरुवार को इलाज नहीं मिलने से मौत हो गई। इस घटना का स्याह पहलू ये है कि इस बच्चे के इलाज के लिए चाइल्डलाइन की टीम उसे दो दिन तक देश के नामी चिकित्सा संस्थानों में लेकर भटकती रही, लेकिन आलाधिकारियों के हस्तक्षेप के बाद भी इस मासूम को इलाज नहीं मिला। सुभाष चिल्ड्रेन सोसाइटी के अध्यक्ष कमल कांत तिवारी के मुताबिक इस बच्चे को क्म् सितंबर को बालरोग अस्पताल में भर्ती कराया गया। किडनी की बीमारी से ग्रसित इस बच्चे की हालत गंभीर होने पर रेफर करने का 'खेल' शुरू हो गया। केजीएमयू, एसजीपीजीआई और फिर एम्स दिल्ली भी ले जाया गया, लेकिन किसी ने भी इस बच्चे का इलाज नहीं किया। जिसके बाद बच्चे की मौत हो गई। फ्राईडे को बच्चे के शव का नौबस्ता पुलिस ने पोस्टमार्टम कराया, लेकिन इस घटना ने 'धरती के भगवान' की मरीजों के प्रति शून्यता को भी दिखा दिया।

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इलाज नहीं मौत मिली

क्म् सितंबर- किडनी में बीमारी की सूचना पर बालरोग अस्पताल में भर्ती

ख्0 सितंबर- डॉक्टर्स ने केजीएमयू ले जाने को कहा

- इसी दिन चाइल्डलाइन के लोगों ने बच्चे के इलाज के लिए किडनी रोग विशेषज्ञ डॉ। निर्भय कुमार व डॉ। अमित चौधरी से संपर्क किया, इलाज से मना करने पर लखनऊ रवाना

- क्08 एंबुलेंस से केजीएमयू पहुंचे जहां भर्ती करने से मना कर एसजीपीजीआई ले जाने को कहा

- एसजीपीजीआई में बच्चे के इलाज से इंकार, डीएम व उच्च अधिकारियों के हस्तक्षेप के बाद भी नहीं किया भर्ती

ख्क् सितंबर- एसजीपीजीआई से एम्स दिल्ली रवाना, क्.फ्0 बजे एम्स पहुंचे लेकिन इलाज से इंकार, सफदरजंग हॉस्पिटल में डॉक्टर्स ने मृत घोषित किया

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