अब दूर जाने की तैयारी

इंजीनियरिंग की स्टूडेंट पायल (बदला हुआ नाम) का अफेयर अपनी ही क्लास के अजय (बदला हुआ नाम) के साथ था। कुछ दिनों बाद दोनों एक साथ लिव इन रिलेशनशिप में रहने लगे। छह महीने तक तो सबकुछ ठीक रहा, पर उसके बाद अजय की नौकरी लग गई। अब वह दूसरे शहर जाने की तैयारी में है.इस जैसी कई कहानियां और हैं

पायल अजय को इसी शर्त पर छोडऩा चाहती है कि वह उससे शादी कर ले, लेकिन अजय यह मानने को तैयार ही नहीं है। यह तो हुई पायल की कहानी। इस जैसी कई कहानियां और हैं, जो इन दिनों हेल्पलाइन में पहुंच रही हैं। वीमेन हेल्पलाइन के पास महीने में 5 से 6 केसेज पहुंच ही जा रहे हैं। गल्र्स लिव इन रिलेशनशिप में रहने के बाद रिश्ते को नाम देना चाहती हैं, जो उसका ब्वॉयफ्रेंड नहीं चाहता है।

शादीशुदा होकर दिया धोखा

वीमेन हेल्पलाइन में लिव इन रिलेशनशिप का एक केस दर्ज हुआ है। इसमें लड़का पहले से ही शादीशुदा था। लड़की को यह तब पता चला, जब वह उस लड़के के साथ एक साल तक लिव इन रिलेशनशिप में रही। एक साल के बाद जब लड़की उस लड़के पर शादी के लिए प्रेशर बनाने लगी, तब पता चला कि वह शादीशुदा था।

अचानक से छोड़ कर चला गया

पहले तो सबकुछ सही था, पर कुछ महीनों बाद रिश्ते में दरार आने लगी। कुछ ऐसा ही मामला लिव इन रिलेशनशिप को लेकर वीमेन हेल्प लाइन में दर्ज हुआ है। इसमें एक लड़की ने लड़के पर आरोप लगाया है कि उस लड़के का किसी दूसरी लड़की के साथ रिलेशनशिप है और इसी कारण अचानक से एक दिन उसे छोड़ कर चला गया। और तो और, मोबाइल पर कांटैक्ट करने पर वह रिसीव भी नहीं करता है।

शादी पर अटक जाती है बात

इंज्चॉयमेंट फिर अट्रैक्शन और फिर नीड, तीनों ही मुख्य वजह है जिस कारण लोग लिव इन रिलेशनशिप में आगे बढ़ते हैं। पहले अफेयर और फिर बाद में शादी न होने की वजह से ब्रेकअप भी हो जाता है। पीडब्ल्यूसी की सोशियोलॉजी की प्रोफेसर डॉ। रागनी रंजन के अनुसार ऐसे मामलों में लड़कियों को सावधानी बरतनी होगी, ताकि उनका फ्यूचर बर्बाद होने से बच जाए। हमारी सोसायटी ऐसे रिलेशन को नहीं मानता है। इस तरह के फैसले लेने से पहले गल्र्स को सोचना चाहिए।

ये होती है प्रॉब्लम

- लड़कियां पेरेंट्स को बिना बताए ब्वॉफ्रेंड के साथ लिव इन रिलेशनशिप में आ जाती हैं। शुरुआत में तो उन्हें यह गलतफहमी रहती है कि लड़का उससे प्यार करता है और बाद में शादी कर ही लेगा।

- जो लड़कियां अपना कॅरियर बनाने के लिए शहर में आती हैं। ऐसे मामलों में कई बार उनके कॅरियर पर ब्रेक लग जाता है। और फिर पेरेंट्स बदनामी के डर से दूसरी जगहों पर उसकी शादी कर देते हैं।

- इमोशनली हर्ट होने के कारण लड़कियों में स्टे्रस और डिप्रेशन का स्तर बढ़ जाता है। इससे उनमें साइकोलॉजिकल प्रॉब्लम्स बढऩे लगती है और वे सबसे कटी-कटी रहने लगती हैं।

- कई बार गल्र्स अपनी फैमिली तक से दूर हो जाती हैं।

समझकर लें फैसला

- किसी अजनबी पर विश्वास करने से पहले हजार बार सोचें, चाहे आप उसे कितने भी दिन से क्यों न जानती हों।

- लिव इन रिलेशनशिप में जाने से पहले अपने पास्ट, प्रेजेंट और फ्यूचर को लेकर एक बार जरूर सोच लें, क्योंकि इसका असर आपके साथ आपकी फैमिली पर भी पड़ सकता है।

- लिव इन रिलेशनशिप में जाने से पहले लड़के की फैमिली बैकग्राउंड पता कर लें। चाहें तो उसके पेरेंट्स और रिलेटिव्स से भी मिल सकती हैं।

- लड़के के कैरेक्टर के बारे में पूरी इंक्वायरी कर लें।

- सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर लड़के के फ्रेंड्स आदि से बात करती रहें। इससे उसके रूटीन के बारे में पता चलता रहेगा।

- हालांकि लिव इन रिलेशनशिप में रहने से पहले एक बार पेरेंट्स से जरूर कंसल्ट कर लें।

376 के तहत बनता है केस

लिव इन रिलेशनशिप के मामले इतने बढ़ गए हैं कि अब यह कोर्ट भी पहुंचने लगे हैं। इस संबंध में पटना हाईकोर्ट की एडवोकेट श्रुति सिंह ने बताया कि हमारा काम गल्र्स को प्रोटेक्शन देना है। ऐसे मामले आईपीसी के सेक्शन 376 के तहत दर्ज होते हैं, जिसके लिए फरियादी संबंधित थाना, महिला थाने और एसपी ऑफिस में कंप्लेन कर सकती हैं। यदि पुलिस सुनवाई नहीं करती है, तो सीआरपीसी के सेक्शन 200 के तहत फरियादी वकील के जरिए सीधे डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में भी आवेदन दे सकती हैं।

सात साल तक की हो सकती है सजा

अगर कोई लड़की लड़का पर लिव इन रिलेशनशिप के तहत मामला दर्ज करवाती है, तो पहले दोनों को बुलाकर काउंसिलिंग की जाती है। अगर फिर भी मामला खत्म नहीं होता है, तो केस दर्ज कर लिया जाता है। इस संबंध में श्रुति सिंह ने बताया कि ऐसे केसेज भारतीय दंड विधान की धारा 494 और 376 के तहत दर्ज किए जाते हैं, जिनके आरोपी को सात साल की सजा का प्रावधान है।

पिछले कुछ महीने में लिव इन रिलेशनशिप के मामले काफी बढ़ गए हैं। इससे लगता है कि लिव इन रिलेशनशिप में रहने वालों की संख्या काफी बढ़ गई है। लड़के बिना किसी कमिटमेेंट के लिव इन रिलेशनशिप में रहने लगते हैं और बाद में गल्र्स को एक्सेप्ट नहीं करते।

प्रमिला, प्रोजेक्ट ऑफिसर, वीमेन हेल्पलाइन

लिव इन रिलेशनशिप में रहने का असर सबसे अधिक लड़कियों पर होता है। इस कारण इस तरह के रिलेशन में रहने से पहले एक बार गल्र्स को जरूर सोचना चाहिए। हमारे पास भी ऐसे कई केस आये हैं, जिसमें लड़की खुद को सही नहीं रख पाती हैं.

डा। बिंदा सिंह, क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट