-स्टडी सेंटर्स बंद कराने के पहले ही दिए जा चुके निर्देश

-निर्देशों के बाद भी नहीं मान रहे कॉलेजेज, कमीशन ने दी चेतावनी

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DEHRADUN : देशभर में हायर एजुकेशन की क्वालिटी बेटरमेंट के नाम पर खोली गई 'दुकानों' को रोकने के लिए यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन (यूजीसी) ने नई नीति जारी कर दी है। कमीशन ने जून ख्0क्फ् की नीति में कड़े बदलाव किए हैं। नई नीति के अनुसार कोई भी यूनिवर्सिटी फ्रेंचाइजी सिस्टम में कोर्स संचालित नहीं पाएगी। इसे लेकर यूजीसी ने वेबसाइट पर नई नीति को लेकर सर्कुलर भी जारी किया था।

तुरंत बंद कराने के निर्देश दिए

ये बाध्यता डिस्टेंस लर्निग सेंटर्स पर भी लागू होगी, लेकिन इसके बाद भी कुछ संस्थान समाचार पत्रों के माध्यम से अपने कोर्सेज को लेकर विज्ञापन कर रहे थे, जिसे लेकर यूजीसी ने एक बार फिर सख्त रवैया अपनाते हुए इसे अवैध करार देते हुए इन्हें तुरंत बंद कराने के निर्देश दिए हैं।

रिलेटेड ऑफिसर्स को दे दी जानकारी

एजुकेशन सिस्टम की क्वालिटी इंप्रूव करने के मकसद से यूजीसी ने यह नई नीति लागू की है। यूजीसी ने 'टेरिटोरियल ज्यूरीस्डिक्शन एंड ऑफरिंग प्रोग्राम थ्रू ऑफ कैंपस, स्टडी सेंटर बाय इंस्टिट्यूशंस-यूनिवर्सिटीज' नीति ख्0क्फ् में बदलाव किए हैं। सितंबर ख्0क्ब् में कमीशन ने नई नीति को फाइनल टच दिया और इससे स्टेट व सेंटर के रिलेटेड ऑफिसर्स को जानकारी भी दे दी गई है। नई नीति में फ्रेंचाइजी व्यवस्था के तहत कोचिंग सेंटर्स में चल रहे लर्निग सेंटर्स को तत्काल बंद करने के निर्देश दिए गए हैं।

कॉलेजेज पर नहीं हो रहा असर

यूजीसी के नई नीति लागू होने के बाद भी कई संस्थानों पर इस नीति का कोई असर नहीं हो रहा है। इसी को देखते हुए यूजीसी ने अपने क्ख् जुलाई के नोटिस के बाद एक बार फिर फ्0 अक्टूबर को एक नोटिस जारी करते हुए ऐसे कॉलेजेज को फटकार लगाई है। दरअसल, यूजीसी के नई नीति लागू करने के बाद भी कुछ कॉलेज समाचार पत्रों के जरिए अपने कोर्सेज को लेकर धड़ल्ले से विज्ञापन कर रहे थे। एजुकेशन सिस्टम को बेहतर करने और स्टूडेंट्स के साथ को धोखाधड़ी न हो इसे लेकर यूजीसी ने संस्थानों को चेतावनी देने के साथ ही स्टूडेंट्स से भी ऐसे संस्थानों के झांसे में न फंसने की नसीहत दी है।

यह हैं नई नीति

- सभी यूनिवर्सिटी केवल यूजीसी द्वारा निर्धारित डिग्रीज ही संचालित कर सकती हैं।

- स्टेट एक्ट के तहत स्थापित यूनिवर्सिटी उसी स्टेट में कोर्स संचालित करेगी।

- सेंट्रल व स्टेट यूनिवर्सिटीज अपने कैंपस डिपार्टमेंट्स, कॉन्टिट्यूएंट कॉलेजेज और एफिलिएटेड इंस्टिट्यूट्स में कोर्स चला सकते हैं।

- सेंट्रल, स्टेट, प्राइवेट व डीम्ड कोई भी यूनिवर्सिटी फ्रेंचाइजी सिस्टम में प्राइवेट संस्थानों में लर्निग सेंटर स्थापित नहीं कर सकता।

- प्राइवेट व डीम्ड यूनिवर्सिटी किसी भी इंस्टिट्यूट को एफिलिएशन नहीं दे सकती।

- यूनिवर्सिटी अपने यूजी व पीजी डिग्रीज यूजीसी के नियमों के तहत ही संचालित करेंगे।

- ऐसे संस्थान जो यूजीसी से मान्यता के भ्रामक विज्ञापन समाचार पत्रों प्रकाशित कर रहे हैं, उनके विरुद्ध सख्त कार्रवाई होगी।

- देश की कोई भी यूनिवर्सिटी अब्रॉड में कमीशन की अनुमति के बिना लर्निग सेंटर्स नहीं चला सकती। ऐसे सेंटर्स पूर्ण रूप से अवैध हैं।

- डिस्टेंस एजुकेशन काउंसिल के नियमों के विरुद्ध लर्निग सेंटर्स स्थापित करने वाले इंस्टिट्यूट्स को तुरंत बंद किया जाएंगे।