इससे पहले तलवार दंपति ने मंगलवार को अपनी अंतिम दलीलें पेश कीं.

पीटीआई के मुताबिक़ सोमवार को हुई बहस में बचाव पक्ष ने ग़ाज़ियाबाद में सीबीआई की अदालत में कहा कि जांच एजेंसी सीबीआई ने कुछ सुबूतों के साथ छेड़छाड़ की है और राजेश व नुपुर तलवार को मामले में फंसा दिया है.

इस बहुचर्चित हत्याकांड मामले में नूपुर तलवार ने ख़ुद को और पति राजेश तलवार को अभियुक्त बनाए जाने पर सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार की अर्जी दी थी, जिसे ख़ारिज कर दिया गया था. उसके बाद दोनों के ख़िलाफ़ मुकदमा शुरू हुआ.

मामला

आरुषि केस: फ़ैसला 25 नवंबर कोआरुषि की हत्या का आरोप सबसे पहले पिता पर लगा था.फ़िलहाल माता-पिता दोनों ज़मानत पर बाहर हैं.

16 मई, 2008 को 13 साल की आरुषि की हत्या तलवार दंपत्ति के नोएडा स्थित घर में हो गई थी.

शुरुआत में सबका शक नौकर हेमराज पर गया, लेकिन बाद में हेमराज का शव भी घर की छत पर मिला था.

आरुषि की हत्या का आरोप सबसे पहले पिता राजेश तलवार पर लगा था और हत्या के एक हफ़्ते बाद ही उत्तर प्रदेश पुलिस ने पहले उन्हें गिरफ्तार किया और फिर रिहा कर दिया. राजेश तलवार पर एक बार अदालत परिसर में हमला भी हो चुका है.

इस मामले में डॉक्टर तलवार के एक सहायक और उनके जाननेवालों के घर काम करने वाले दो नौकरों समेत तीन अन्य लोगों को भी हिरासत में लिया गया था और फिर छोड़ दिया गया.

बाद में उत्तर प्रदेश पुलिस के काम के तरीके पर काफी हंगामा मचा और फिर प्रदेश की तत्कालीन मायावती सरकार ने यह मामला सीबीआई को सौंप दिया.

आरुषि के माता-पिता राजेश तलवार और नूपुर तलवार पहले ही ज़मानत पर बाहर हैं. पेशे से डेंटिस्ट तलवार दंपत्ति पर हत्या और सबूतों को नष्ट करने के आरोप लगे हैं. राजेश तलवार पर जांच को गुमराह करने के आरोप भी हैं.

राजेश और नूपुर तलवार अपने ऊपर लगाए गए आरोपों से इनकार करते हैं.

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