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लैग: मौसम बदलते ही बच्चों पर बीमारियों का डबल अटैक

- पल पल बदलता मौसम का मिजाज बच्चों को बना रहा बीमार

- पीडियाट्रिक ओपीडी में दो गुना हुई पेशेंट्स की तादात

KANPUR: मौसम के करवट बदलते ही बच्चों पर उसका असर दिखना शुरू हो गया है। इस मौसम में पलने और बढ़ने वाले नए तरह के वायरस ने बच्चों को अपना सॉफ्ट टारगेट बना लिया है। बच्चों में गले की प्रॉब्लम समेत, दस्त और खांसी जुखाम के मामलों में दो गुना तक वृद्धि हुई है। डॉक्टर्स के मुताबिक यह बीमारियों का सीजन है जोकि बच्चों के लिए खास तौर पर खतरनाक होता है। सामान्य तौर पर जुखाम, बुखार तो बच्चों में होता ही है, लेकिन इस बार दस्त के साथ ही बच्चों में गले में दर्द स्वेलिंग भी हो रही है। जोकि एक नए तरह के वायरस का इंफेक्शन है।

नए वायरस का बच्चाें पर हमला

सीनियर पीडियाट्रिशियन डॉ। एके आर्या के मुताबिक सीजनल फ्लू तो इस मौसम में सामान्य है। पारा 25 डिग्री सेल्सियस के आस पास रहने से वायरस ज्यादा जल्दी एक्टिव होते हैं। पॉल्यूशन की वजह से शहर में कई तरह के वायरस हैं, लेकिन कई बार यह वायरस भी म्यूटेट होते हैं जोकि हर म्यूटेशन के बाद एक नए तरह का असर दिखाता है। वायरस से इंफेक्टेड होने पर गले में सूजन से लेकर दर्द, दस्त आना, बुखार आने जैसी तकलीफें होती हैं। जिससे बच्चे में ज्यादा कमजोरी आ जाती है।

दो गुना बढ़े पेशेंट्स

बीते 5 दिनों में जैसे जैसे पारे में उतार चढ़ाव हुआ है। वैसे वैसे हैलट व उर्सला में बालरोग की ओपीडी में मरीज बढ़ते गए हैं। हालत यह है कि फ्राईडे को हाफ ओपीडी होने के बाद भी 200 से ज्यादा नए पेशेंट्स हैलट में बनी बालरोग की ओपीडी में आए। कुछ यही हाल उर्सला की ओपीडी का भी है जिसकी जहां 170 नए पेशेंट्स आए। वहीं फ्लू से पीडि़त पेशेंट्स में किस तरह का फ्लू है उसके लिए मेडिकल कॉलेज के माइक्रोबायोलॉजी विभाग में लगातार आरटी पीसीआर जांच के लिए सैंपल पहुंच रहे हैं।

बच्चे को ये तकलीफ हो जाए सावधान

- लगातार 100 डिग्री तक बॉडी टैम्प्रेचर बने रहना

- ठंड के साथ सिरदर्द, और शरीर में खिंचाव महसूस होना

- लगातार नाक बहना, गले में खराश और दर्द

- खांसी आना, उल्टी आना, कमजोरी फील करना

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ऐसे करें बचाव-

- मुंह और नाक बंद रखे छींक आने वा खांसी आने पर

-हाथों को लगातार धोना

- बुखार और खासी वाले पेशेंट्स से दूरी बनाना

- घर में किसी को बुखार आने पर बच्चे को अलग रूम में रखना

- बीमार व्यक्ति के साथ खाने से भी बच्चों को बचाएं