- साल भर में 6 हजार शौचालयों का निर्माण नहीं करा सका विभाग

- 55 परसेंट काम पूरा होने की रिपोर्ट पर केंद्र ने रोक दी अगली किश्त

- निर्माण कार्यो के बाबत पूर्व में भेजी गई रिपोर्ट में मिली खामी, दोबारा जांच के निर्देश

BAREILLY:

स्वच्छता मिशन को बरेली के अधिकारी पलीता लगा रहे हैं। यही वजह है कि डिस्ट्रिक्ट में फ‌र्स्ट फेज में छह हजार टॉयलेट्स बनने थे, जिनमें से महज 55 परसेंट ही काम हो सका। लिहाजा, खफा केंद्र सरकार ने अगले फेज की किश्त को ही रोक दिया। वहीं, मंडल के दूसरे जिले बरेली से टॉयलेट्स निर्माण का कहीं आगे हैं।

कहीं फिर न अटके शौचालय

गौरतलब है कि वर्ष 2010 में भारत के गांव में जोर शोर से स्वच्छता मिशन शुरू किया गया। जिसके तहत गांव के गरीब लोगों के घर में शौचालय मुहैया कराने क ा सिलसिला शुरू हुआ। लेकिन जिले में शौचालय निर्माण में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी पाए जाने से वर्ष 2011-12 से वर्ष 2014 तक निर्माण कार्य पर पाबंदी लगा दी गई। साथ ही, जारी रकम को केंद्र ने वापस मांग लिया था। इसके बाद स्वच्छ भारत मिशन के तहत वर्ष 2014-15 में बरेली को 6 हजार शौचालय निर्माण का लक्ष्य दिया गया। साल भर के भीतर करीब 90 परसेंट से ज्यादा शौचालय कराने में अधिकारी असमर्थ रहे। जिसके बाद एक बार फिर से 2010-11 का इतिहास दोहराने की संभावना नजर आ रही है।

यह है बरेली की स्थिति

शौचालय निर्माण में बरेली की स्थिति पास पड़ोस के जिलों से भी ज्यादा गुजरी हुई है। वहीं, पड़ोसी जिले की रिपोर्ट के मुताबिक 5444 के सापेक्ष करीब 75 परसेंट, पीलीभीत में 3238 के सापेक्ष 80 परसेंट, रामपुर में 4 हजार के सापेक्ष करीब 77 परसेंट शौचालय निर्माण हो चुका है। वहीं, अन्य पर कार्य प्रगति पर है। जबकि बरेली में 6 हजार के सापेक्ष महज 55 परसेंट ही काम पूरा पाया गया। जिसमें भी करीब 90 शौचालय तोड़े जाने की सूचना विभाग ने केंद्र को दी थी। रिपोर्ट में 90 जबकि स्थान निरीक्षण करने पर महज 81 शौचालय ही टूटे मिले। ऐसे में केंद्र ने जिला पंचायती राज विभाग को नोटिस जारी कर दोबारा जांच कराने के निर्देश दिए हैं। कार्यप्रगति से अवगत कराने को कहा है।

शौचालय निर्माण कार्य 90 परसेंट पूरा होने के बाद केंद्र दूसरी किश्त जारी करेगी। निर्माण कार्य तेजी से हो रहा है। अभी तक की रिपोर्ट प्रेषित की जा चुकी है।

दिनेश सिंह, डीपीआरओ