- लखनऊ-कानपुर राजमार्ग की दुर्दशा से वाहनसवार परेशान, पूरी सड़क पर गड्ढे ही गड्ढे

- मुंहमांगा टोल टैक्स वसूलने के बाद भी नहीं हो रहा सड़क का मेंटिनेंस

- सड़क की मरम्मत के नाम पर गुणवत्ता में खेल, हलकी बारिश में गिट्टी उखड़ी

UNNAO: तमाम कवायदों के बाद भी लखनऊ कानपुर राष्ट्रीय राजमार्ग पर सफर करना आसान नहीं रहा। टोल टैक्स देने के बाद भी वाहन सवार लोगों को कानपुर से लखनऊ का सफर तय करने में पसीना छूट जाता है। कहने के लिए टोल वसूलने वाली कंपनी टोल टैक्स के पैसों से सड़क की मरम्मत कर उसे गड्ढा मुक्त रखेगी लेकिन हकीकत में गड्ढों को भरने के नाम पर केवल खेल हुआ। यही कारण है कि आरओबी से लेकर बनी पुल तक दो माह पहले हुई मरम्मत में लगी सामग्री ने जवाब दे दिया। लगभग 40 किमी। सड़क मार्ग पर इन दिनों कुछ भी नजर आता है तो वह हैं गड्ढे। हालत यह हो गई है कि जरा सा चूके तो गए काम से।

गिट्टी से टूट रहे वाहनों के शीशे

इन गड्ढों के कारण वाहन सवार लोगों में दुर्घटना के साथ साथ वाहनों के शीशे टूटने जैसी समस्या भी लगातार जारी है। हाईवे के दैनिक यात्री डा। आशीष श्रीवास्तव, डा। राकेश यादव कहते हैं कि बिखरी हुई गिट्टी उछल कर शीशे पर पड़ी और शीशा टूट गया। तीन दिनों में ही लगभग एक दर्जन वाहनों के शीशे सड़क पर बिखरी गिट्टी के उड़कर शीशे में लगने से टूट चुके हैं। जबकि चौपहिया वाहन सवार को राजमार्ग पर आवागमन के लिए प्रति चक्कर 95 रुपए का टोल सुविधाओं के नाम पर अदा करना पड़ता है।

बारिश ने खोली पोल

कानपुर के जाजमऊ गंगापुल से लखनऊ तक लगभग 85 किमी राजमार्ग में गड्ढों का होना कोई नई बात नहीं है। एनएचएआई राजमार्ग को लेकर शुरू से ही काफी उपेक्षित रवैया अपना रही है। तीन वर्ष पहले एनएचएआई ने राजमार्ग को दुरुस्त रखने की जिम्मेदारी अपनी टोपी दूसरे के सिर रखने वाले अंदाज में टोल टैक्स वसूलने वाली कंपनी पीएनसी को सौंप दी। शुरुआत में सड़क के गड्ढों को बंद करने के नाम पर पैच लगाने की औपचारिकता की गई। जब उससे कोई हल नहीं निकला तो कंपनी ने दो माह पहले सड़क की कानपुर से लखनऊ के बीच छोटेछोटे टुकड़ों में निर्माण कराया गया। मामूली बारिश से ही हाईवे एक बार फिर गड्ढों में समाने लगा है।

वाहन सवार लोगों का दर्द

सुविधाओं के लिए टोल टैक्स देते हैं और उसके बाद भी कुछ नहीं मिलता है। जब पैसे लेते हैं तो सेवाएं भी तो दुरस्त करें। राजमार्ग पर यह व्यवस्था काफी दुखद है।

-रामदास साहू, लखनऊ

कानपुर से लखनऊ के बीच सफर करने में इतने गड्ढे हैं कि पसीने छूट जाते हैं। जरा सा चूक जाओ तो दुर्घटना होना तय समझिए। - राजेश कुमार, कानपुर

अकसर इस हाईवे से गुजरता हूं लेकिन आज तक कभी भी इसके गड्ढों को बंद नहीं पाया। सड़क की जो हालत है उससे तो यात्रा कब अमंगल हो जाए पता नहीं नहीं।

- सुनील कुमार, बहराइच

आखिर किस बात का टोल टैक्स दिया जाए, जब पूरी की पूरी सड़क ही गड्ढों में है। प्रशासन भी इस पर चुप है और जनप्रतिनिधि भी मौन साधे हुए हैं।

- डा। आशीष श्रीवास्तव