RANCHI : झारखंड विधानसभा चुनाव की तारीखों को लेकर झारखंड के सत्ताधारी दल और विपक्ष के बीच मतभेद मुख्य चुनाव आयुक्त वीएस संपत के सामने भी उभरकर आ गया। एक तरफ जहां झारखंड में सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा, कांग्रेस और राजद जैसी पार्टियां छठ महापर्व के बाद चुनाव कराने की डिमांड कर रही हैं, वहीं झारखंड की मुख्य विपक्षी पार्टी बीजेपी, जेवीएम और आजसू जैसी पार्टियां चाहती हैं कि झारखंड में जल्द से जल्द खासकर सितंबर अक्टूबर में चुनाव की तारीखें घोषित की जाए। सोमवार को साढे़ चार बजे मुख्य चुनाव आयुक्त वीएस संपत की राजभवन में झारखंड के मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के साथ मीटिंग थी, जिसमें विभिन्न पाटियों के प्रतिनिधियों से हिस्सा लेकर मुख्य चुनाव आयुक्त के सामने अपनी बात रखी।

कांग्रेस चाहती है छठ के बाद चुनाव

कांग्रेस ने इलेक्शन कमिश्नर से धार्मिक आस्था के महान पर्व छठ के पहले किसी भी परिस्थति में झारखंड विधानसभा चुनाव न कराने की गुजारिश की। कांग्रेस ने कहा कि देश के दूसरे राज्यों के साथ झारखंड विधानसभा का चुनाव कराना मजबूरी नहीं हो सकती। कांग्रेस ने यह भी कहा कि झारखंड की भौगोलिक स्थित को देखते हुए तीर-चार चरणों में चुनाव कराना चाहिए। चुनाव आयुक्त से मिलने वाले कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडल दल में प्रदेश महासचिव आलोक कुमार दूबे, सचिव और मीडिया सदस्य लाल किशोरनाथ शाहदेव, रांची जिला ग्रामीण कांग्रेस अध्यक्ष देवकुमार धान और रांची महानगर कांग्रेस अध्यक्ष सुरेन्द्र सिंह शामिल थे।

बीजेपी चाही है जल्द से जल्द चुनाव

झारखंड में विधानसभा चुनाव की तैयारियों का जायजा लेने आए मुख्य चुनाव आयुक्त वीएस संपत और उनकी टीम से मिलकर बीजेपी ने मांग की कि झारखंड में बरसात के बाद बाकी राज्यों के साथ सितंबर अक्टूबर में यहां का भी चुनाव हो। बीजेपी की तरफ से चुनाव आयोग की टीम से मिलने वाले प्रतिनिधिमंडल में बीजेपी के प्रदेश उपाध्यक्ष दीपक प्रकाश और अनंत ओझा शामिल थे।

आजसू भी सितंबर-अक्टूबर के पक्ष में

सुदेश महतो की पार्टी आजसू पार्टी चाहती है कि झारखंड विधानसभा का चुनाव सिंतबर-अक्टबूर में कराया जाए। मुख्य चुनाव आयुक्त वीएस संपत से मिलने वाले आजसू प्रतिनिधिमंडल में पार्टी के प्रवक्ता देवशरण भगत और केन्द्रीय उपाध्यक्ष मो हसन अंसारी शामिल हुए। इन्होंने चुनाव आयोग को सलाह दी कि झारखंड अतिसंवेदनशील है। यहां पर भयमुक्त और निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए पर्याप्त संख्या में सुरक्षा बलों की तैनाती सुनिश्चित की जाए। लोकसभा चुनाव के समय पार्टी के कार्यकर्ताओं को अपने आवासीय परिसर में भी झंड लगाने से रोका गया था, लेकिन विधानसभा चुनाव में ऐसा नहीं किया जाए।

जेवीएम ने बड़ी पार्टियां के प्रभाव पर रोक लगाने की मांग

झारखंड विकास मोर्चा ने मुख्य चुनाव आयुक्त को यह सुझाव दिया कि चुनाव में जो बड़ी और पैसे वाली पार्टियां हैं, वह चुनावी विज्ञापन के जरिए मतदाताओं को प्रभावित करती हैं। इसपर रोक लगे। इसके साथ ही चुनाव के दौरान आयोग के जो पर्यवेक्षक आते हैं, वह सरकारी मेहमान बनकर अपना काम सही से नहीं करते हैं, जिसपर आयोग को ध्यान देना चाहिए। इसके साथ ही चुनाव को प्रभावित करने के लिए सत्तारूढ़ दल अधिकारियों को नियुक्ति भी अपनी सुविधानुसार करते हैं। इसपर आयोग ध्यान दे। जेवीएम प्रतिनिधिमंडल दल में विधायक दल के नेता प्रदीप यादव और शकुंतला जायसवाल शामिल थे।

जेएमएम चाहती है अक्टूबर के बाद हो चुनाव

झारखंड की सत्तारूढ़ पार्टी जेएमएम के प्रतिनिधिमंडल दल ने आयोग की टीम से मिलकर झारखंड में छठ के बाद चुनाव कराने का सुझाव दिया। इस प्रतिनिमंडल दल में शामिल पार्टी प्रवक्ता सुप्रिया भट्टाचार्य और रांची महानगर अध्यक्ष अंतु तिर्की शामिल थे। अंतु तिर्की ने बताया कि सितंबर से लेकर नवंबर तक बहुत सारे त्योहार हैं। ऐसे में इसके बाद चुनाव कराया जाए।