- असोहा के विघिनखेड़ा में हुई मां-बेटे की हत्या का मामला

UNNAO: असोहा थाना क्षेत्र के गांव विघिनखेड़ा में तेरह दिन पूर्व हुई मां-बेटे की सामूहिक हत्या के मामले में पुलिस हत्यारों का सुराग नहीं लगा पाई है। हत्याकांड के पीछे जो संभावनाएं पाई गई थीं। उनमें कईयों से पुलिस ने अब तक पूछताछ करना भी गंवारा नहीं किया है। दोहरे हत्याकांड के बाद घटनास्थल पर आए डीआईजी ने पुलिस को दस दिन का समय था वह भी गुजर चुका है। पुलिस अब तक पूछताछ के नाम पर कुछ छुटभैयों को पकड़ने छोड़ने तक ही सीमित है।

बताते चलें गत 1 जुलाई को असोहा थाना क्षेत्र के गांव बिघिनखेड़ा मजरा मुक्तेमऊ के जंगल मे रहनेवाले परिवार में मां-बेटे निर्मम हत्या कर दी गई थी। उक्त घटना के तेरह दिन बीत जाने के बाद भी पुलिस अभी तक खुलासा नहीं कर सकी है। जैसे जैसे समय गुजर रहा है पुलिस की विवंचना सुस्त होती जा रही है। अब तक पुलिस शक के घेरे मे आ रहे लोगों को उठाती है और बाद में छोड़ देती है। बताया तो यहां तक जा रहा है कि ऊंची पहुंच वालों के दबाव में ही पुलिस ने अपने हाथ सिकोड़ रखा है। फिलहाल दीपक और उसकी मां सोनम की हत्या का खुलासा करने में लगी पुलिस हत्यारों तक पहुंचना तो दूर हत्याकांड के कारणों का भी पता नहीं लगा सकी है।

एसओजी, क्राइम ब्रान्च को भी लगाया

घटनास्थल पर पहुंचे डीआईजी आरके चतुर्वेदी ने हत्याकांड का खुलासा करने के लिए पुलिस को दस दिन का जो समय दिया था वह भी बीत चुका है। सबसे खास बात यह है कि सामूहिक हत्याकांड का खुलासा करने के लिए एसओजी, सर्विलान्स टीम तथा क्राईम ब्रान्च को भी लगाया गया है, लेकिन पुलिस की एक भी टीम हत्याकांड के खुलासे के करीब नहीं पहुंची है। थाना प्रभारी का कहना है कि घटना का खुलासा हर हाल में होगा देर भले ही लगे असली हत्यारे जेल भेजे जाएंगे।