- पूरनलाल के आटा चक्की का 1300 करोड़ का बिजली बिल भेजा

- विभाग के इस हरकत से परेशान पूरनलाल ने कोर्ट की शरण ली

क्चन्क्त्रश्वढ्ढरुरुङ्घ:

पुलिस की नौकरी से रिटायर होने के बाद हरुनगला के पूरनलाल ने खुद का बिजनेस करनी की सोची। इसके लिए उन्होंने लोन लेकर आटा चक्की लगा दी। और 50 किलोवॉट का बिजली कनेक्शन लेकर अपना बिजनेस शुरू भी कर दिया। लेकिन, बिजली विभाग ने करंट से भी तेज बिजली का बिल दौड़ा कर पूरनलाल को एक ऐसा सदमा दिया है कि वह उससे ऊबर नहीं पा रहे है। 1300 करोड़ रुपए का बिल थमाने के साथ ही विभाग ने उनका बिजली कनेक्शन भी काट दिया है। जबकि, पूरे शहर के कंज्यूमर का बिजली बिल इतना जनरेट नहीं होता है। बिजली कनेक्शन कटने से पूरनलाल का जमा जमाया बिजनेस चौपट हो गया है। विभाग की इस हरकत से परेशान पूरनलाल ने कोर्ट की शरण ली है।

20 लाख रुपए लोन लेकर बिजनेस शुरू किया था

हरुनगला के रहने वाले पूरनलाल ने 2011 में बिजनेस की शुरूआत की। आटा चक्की लगाने के लिए जिला उद्योग केंद्र से 20 लाख का लोन ले लिया। किसानों से गेहूं लेकर उसकी पिसाई कर श्री हरिओम नाम से पैक का बेचना शुरू कर दिया। बगल में एक और आटा चक्की होने के बावजूद पूरनलाल का बिजनेस अच्छा चल निकला। लेकिन, इसी बीच विभाग ने 1300 करोड़ से भी अधिक का बिजली बिल थमा कर पूरनलाल के होश उड़ा दिये।

बिल थमाने के साथ ही काट दिया बिजली कनेक्शन

पूरनलाल ने बताया कि विभाग ने यह पहली बार नहीं किया है। इससे पहले भी अधिक बिजली बिल मिलता रहा है। जबकि, उसका एक्चुअल बिजली बिल 30 से 40 हजार रुपए प्रति महीने आता है। लेकिन, इसके वह किसी तरह सही हो जाते थे। लेकिन, विभाग ने इस बार 1300 करोड़ रूपए का बिल भेज दिया। इसके साथ ही अप्रैल 2016 को मेरा बिजली कनेक्शन भी काट दिया। जिस वजह पूरा जमा-जमाया बिजनेस चौपट हो गया है। लोन का 20 हजार रूपए हर महीने इंस्टॉलमेंट देना पड़ रहा है सो अलग।

पूरे शहर का मात्र 30 करोड़ बिजली बिल

बिजली विभाग के शहर में पौने दो लाख कंज्यूमर है। बकाया बिल छोड़ दिया जाये तो इन कंज्यूमर के हर महीने करीब 30 करोड़ रुपए का बिल जनरेट होता है। ऐसे में अकेले पूरनलाल का एक अरब से अधिक का बिल काफी आश्चर्य चकित करने वाला है। इतने पर भी विभाग अपनी गलती मानने को तैयार नहीं है। जिस वजह से पूरनलाल ने कोर्ट की शरण ली है। पूरनलाल को कोर्ट से यह उम्मीद है कि कोर्ट से उन्हें न्याय मिलेगी।

एक अरब का बिल जनरेट होने के पीछे गलत मंशा नहीं है। उसने खुद बिजली कनेक्शन कटवा दिये। किसी से गलती हो गयी है, उसके लिए क्या किया जा सकता है।

राकेश सिंह, एक्सईएन, बिजली विभाग

हर महीने 30 हजार रुपए का बिजली बिल बनता है। लेकिन, विभाग ने एक अरब से भी ज्यादा का बिल भेज दिया है। संशोधन के नाम पर कोई सुनवाई नहीं हुई। जिस वजह से कोर्ट में शिकायत करनी पड़ी।

राजू, पूरनलाल का बेटा