आई एक्सक्लूसिव

-यूनिवर्सिटी के चैलेंज मूल्यांकन में 128 स्टूडेंट की कॉपी री-चेकिंग में खुला टीचर्स का खेल

- 16 से 30 नंबर तक कम दिए, पकडे़ जाने पर एक प्रोफेसर ने कहा, वीक है उनकी आई साइट

KANPUR : छत्रपति साहू जी महाराज यूनिवर्सिटी में चैलेंज मूल्यांकन में पहली बार 128 स्टूडेंट ने गुरुजी का इम्तिहान लेने का साहस जुटाया। इसमें अहम बात यह रही कि इस परीक्षा में गुरुजी फेल हो गए। इस बात का खुलासा चैलेंज मूल्यांकन प्रॉसेस में हुआ। सिटी के एक प्रॉमिनेंट महाविद्यालय के प्रोफेसर ने एक मेरिटोरियस की कैमेस्ट्री की कॉपी चेक की जिसमें कि 42 मा‌र्क्स दिए थे रि-चेकिंग में इस होनहार छात्रा को 72 मा‌र्क्स मिले। जिस पर गुरुजी से जवाब मांगा गया तो गुरुजी ने रिटेन में दिया कि उनकी आंख की रोशनी ठीक नहीं है। कई प्रोफेसर ज्यादा कॉपी चेक कर ज्यादा पैसा कमाने के फेर में सही मूल्यांकन नहीं कर रहे हैं। वहीं एलएलबी की कॉपी भी सही चेक नहीं की गई। स्टूडेंट्स को 21 से 23 मा‌र्क्स कम दिए गए।

जमकर किया गया खेल

छत्रपति साहू जी महाराज में मूल्यांकन करने वाले गुरुजी स्टूडेंट्स के फ्यूचर के साथ लगातार खिलवाड़ कर रहे हैं। केंद्रीय मूल्यांकन सेंटर में बीएएमएस के स्टूडेंट्स का मूल्यांकन करने वाले गुरुजी ने जमकर खेल किया। करीब 9 मेरिटोरियस छात्रों के मूल्यांकन में गुरुजी पूरी तरह से फंस गए हैं। परीक्षक ने छात्रों को 16 से 25 मा‌र्क्स कम दिए हैं। एक छात्र को 40 मा‌र्क्स मिले हैं जब कॉपी रिचेक की गई तो उस छात्र को 65 मा‌र्क्स मिले।

पैसा कमाने की रहती होड़

यूजी की एक कॉपी चेक करने में 15 रुपए मिलते हैं और पीजी की एक कॉपी का मूल्यांकन करने में 18 रुपए मिलते हैं। एक परीक्षक को डेली करीब सवा सौ रुपए कॉपी चेक करने के लिए दिए जाते हैं। इसके अलावा मूल्यांकन कुल पारिश्रमिक 40 हजार रुपए से ज्यादा एक साल का नहीं होना चाहिए। गुरुजी एक यूनिवर्सिटी से दूसरी यूनिवर्सिटी की दौड़ लगाकर मूल्यांकन में लाखों रुपए कमाने के फेर में रहते हैं। वहीं एमए अंग्रेजी की कॉपी जांचने वाले गुरुजी भी फंसे हैं। एक छात्र को गुरुजी ने 33 मा‌र्क्स दिए, उस छात्र की कॉपी दूसरे एक्सपर्ट ने चेक की तो उसे 56 मा‌र्क्स मिले। करीब 6 छात्रों के साथ ऐसा हुआ है।

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पहली बार में ही 32 प्रोफेसर फंसे

लखनऊ की एपीजे कलाम यूनिवर्सिटी को छोड़कर यूपी की किसी भी यूनिवर्सिटी में चैलेंज मूल्यांकन प्रॉसेस सिस्टम नहीं है। वीसी प्रो। जेवी वैशम्पायन ने पहली बार सीएसजेएमयू में चैलेंज मूल्यांकन प्रॉसेस शुरू किया, इसमें छात्र को मूल्यांकन चैलेंज करने के लिए 3 हजार रुपए फीस जमा करनी होती है। अगर मूल्यांकन में 15 परसेंट से मा‌र्क्स में 15 परसेंट से कम डिफरेंस है तो पूरी फीस जब्त कर ली जाती है। अगर 15 परसेंट से ज्यादा मा‌र्क्स का अंतर आता है तो 500 रुपए फीस काटकर 2500 रुपए छात्र को वापस किए जाते हैं। चैलेंज मूल्यांकन में इस बार करीब 32 प्रोफेसर पर कार्रवाई तय है। चैलेंज मूल्यांकन में 2 एक्सपर्ट प्रोफेसर कॉपी चेक करते हैं इसके बाद एवरेज मा‌र्क्स दिए जाते हैं।

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चैलेंज मूल्यांकन प्रॉसेस में सौ से ज्यादा छात्रों ने शिरकत की है। इसमें कुछ टीचर्स की कमियां पकड़ी गई हैं। लास्ट इयर एक मेरिटोरियस ने की कॉपी अच्छी तरह से चेक नहीं हो पाई थी। रि-चेकिंग में उसके मा‌र्क्स में भारी अंतर मिला, जिस पर प्रोफेसर से जवाब तलब किया गया। प्रो। ने आंख्र की रोशनी कमजोर होने बताया था।

-प्रो। जेवी वैशम्पायन, वीसी, सीएसजेएमयू