PATNA : पटना हाईकोर्ट ने नई नीतीश सरकार को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज कर दिया है। सदन में सबसे बड़ी पार्टी (राजद) होने के बावजूद राज्यपाल द्वारा जदयू एवं भाजपा के गठबंधन वाली राजग को सरकार बनाने का मौका दिए जाने के खिलाफ राष्ट्रीय जनता दल के एक विधायक ने पटना हाई कोर्ट में लोकहित याचिका दायर की थी। मुख्य न्यायाधीश राजेन्द्र मेनन एवं न्यायाधीश अनिल कुमार उपाध्याय की खंडपीठ ने सोमवार को सुनवाई की।
क्या कहा अदालत ने
- अदालत ने कहा कि अब इस याचिका पर सुनवाई का क्या मतलब रह गया है।
- जब राजग ने सदन में बहुमत सिद्ध कर दिया गया है।
- सुप्रीम कोर्ट कुछ फैसलों में कह चुका है कि सदन में बहुमत साबित करने वाली पार्टी सरकार बनाएगी
- जब ऐसी स्थिति बनती हो तो अदालत को हस्तक्षेप नहीं करनी चाहिए।
- राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता ललित किशोर ने कहा कि नये गठबंधन वाली पार्टी ने राज्यपाल को बहुमत प्राप्त कर लेने संबंधी विधायकों की सूची दी।
- सूची को राज्यपाल ने स्वीकार कर लिया फिर समय आया तो उसे फ्लोर पर साबित भी कर दिया गया।
- सरकार बनाने का दावा करने वाली दूसरी पार्टी ने तो कोई सूची ही नहीं दी, सिर्फ सबसे बड़ी पार्टी कह देने से क्या होता है।
- महाधिवक्ता ने कहा कि ऐसे कई मसले पहले भी आ चुके हैं।
- क्999 में जगदंबिका पाल का केस और ख्00म् में एसआर बोम्मई केस
- एक याचिका बड़हरा के राजद विधायक सरोज यादव व अन्य की ओर से दायर की गई थी
- दूसरी याचिका नौबतपुर के समाजवादी नेता जितेन्द्र कुमार ने दायर की थी
- याचिकाकर्ता के वकील जगन्नाथ सिंह ने कहा कि पूरा घटना क्रम गैर संवैधानिक तरीके से हुआ