- कुछ होटल तो केवल जोड़ों को अय्याशी के लिए ही देते हैं कमरे

- एरिया की पुलिस संज्ञान ले तो लग जाए अय्याशी पर लगाम

- कई होटल में हो चुके है सनसनीखेज वारदातें

- पुलिस की लापरवाही से बढ़ रहा है शहर में क्राइम

Meerut@inext.co.in

Meerut: बाहर से चमचमाती इमारतों के रंगीन पर्दो के पीछे काले कारनामें हो रहे हैं। शहर के होटल अय्याशी का केंद्र बने हुए हैं। सिटी के बीचों बीच बने होटल हों या फिर आउटर एरिया के होटल सभी में युवक-युवतियां अय्याशी करने के लिए कमरे बुक कराते हैं। यहां न केवल शराब पी जाती है, बल्कि ब्लू फिल्म से लेकर सेक्स तक सब पर्दे के पीछे किया जाता है। इन होटल मालिकों पर लगाम लगाने के लिए पुलिस निष्क्रिय पड़ी रहती है। यदि सख्ती से कार्रवाई हो तो इस प्रकार की घटनाओं पर भी लगाम लग सकेगी।

कहां-कहां होती है अय्याशी

शहर के आउटर एरिया की बात करें तो एनएच भ्8 पर कुछ नामी होटल हैं, जो केवल उन लोगों को रूम देते है जो बाहर से किसी काम के लिए मेरठ आते हैं, लेकिन इस रोड पर कुछ ऐसे भी होटल बने हुए हैं, जिनका सीधा वास्ता अय्याशी से है। अय्याशी के लिए ही होटल में रूम बुक किए जाते हैं। वहीं रोडवेज के सामने भी अय्याशी के पूरे इंतजाम पकड़े ही जा चुके है। यदि लालकुर्ती की बात करें तो यहां भी एक नामी होटल है, यहां भी होटल के अन्दर अय्याशी होती है। वेस्ट एंड रोड पर एक रेस्टोरेंट है, यहां रहने के लिए कमरा तो नहीं दिया जाता लेकिन यह भी अय्याशी का बहुत बड़ा अड्डा है। वेस्ट एंड रोड पर पढ़ने वाले कुछ स्टूडेंट्स इसी होटल में रहकर गंदे कामों को अंजाम दे रहे हैं। हापुड़ अड्डे से लेकर मेडिकल तक की बात करें तो यहां भी पचास से अधिक ऐसे होटल है। जहां अय्याशी करने के पूरे इंतजाम है। बागपत रोड, दिल्ली रोड पर भी कई होटल ऐसे गंदे कामों को अंजाम दिला रहे है। मोदीपुरम और गंगानगर में ऐसे होटल बने हुए हैं, जहां स्टूडेंट्स अय्याशी की दुनिया में कदम रख रहे है। थापर नगर में एक होटल भी इन कामों में काफी बुरी तरह लंबे समय से बदनाम हैं।

तो रूक जाए अय्याशी

होटलों में हो रही अय्याशी से पूरा शहर शर्मिदा हो रहा है। यदि पुलिस प्रशासन इन होटलों के खिलाफ सक्रिय हो और रूटीन में चेकिंग शुरू कर दी तो सभी अय्याशी से तो पर्दाफाश होगा ही साथ ही गंदे काम करने वाले स्टूडेंट्स के परिजनों के सामने भी सच्चाई सामने आ जाएगी, जिस तरह पुलिस ने रोडवेज के सामने छापा मारा, इसी तरह हर होटल में छापा मारकर अय्याशी करने वालों का पुलिस को पर्दाफाश करना चाहिए।

होटलों की आ गई है बाढ़

मेरठ कोई पर्यटन स्थल नहीं है, लेकिन यहां पिछले चार सालों की बात करें तो होटलों की बाढ़ आ चुकी है। इन होटलों के खोले जाने का कारण अय्याशी कराना है। कुछ जानकारों ने नाम न प्रकाशित करने की शर्त पर बताया कि इन होटलों में अय्याशी का धंधा पैसों को कमाने के लिए चल रहा है। कुछ घंटों के लिए पांच सौ से लेकर एक हजार रुपये तक कमरा देकर पैसे वसूलते हैं। पैसों की खातिर ये समाज को खराब करने में पूरा योगदान दे रहा है। इन होटलों के खिलाफ यदि एक्शन नहीं लिया गया तो आने वाले समय में बड़ी चुनौतियों का सामना लोगों को करना पड़ेगा।

होटलों से होता है क्राइम

मेरठ में जैसे-जैसे होटलों की संख्या बढ़ रही है तो वहीं दूसरी ओर क्राइम की घटनाओं में भी इजाफा हुआ है। होटलों से क्राइम की वारदातें हो रही हैं। रूम लेकर न केवल होटलों में रेप किए जाते हैं, बल्कि मर्डर तक की घटनाएं भी हो रही है। क्राइम होने के बावजूद पुलिस प्रशासन का होटलों की ओर एक्टिव न होना बड़ी शर्मनाक बात है।

हमारे पास सूचना आई थी कि होटलों में युवक-युवतियां आकर गलत काम करते हैं। हमने तुरंत सदर बाजार पुलिस को भेजकर छापेमारी कराई। लड़के-लड़कियों को मौके से पकड़ लिया गया। सभी के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। जहां तक दूसरे होटलों की बात है। अब होटलों के खिलाफ अभियान चलाया जाएगा, सभी पर एक्शन लिया जाएगा।

ओमप्रकाश

एसपी सिटी

संयुक्त व्यापार संघ हमेशा से सही काम के लिए व्यापारियों की आवाज उठाता है। यदि कोई व्यापारी गलत काम करता है तो उसका व्यापार संघ साथ नहीं देता है। शहर में कुछ ऐसे होटल है जहां केवल अय्याशी हो रही है। यह केवल पुलिस की लापरवाही का नतीजा है। पुलिस प्रशासन को होटलों में छापेमारी करके इन गंदे कामों पर रोक लगाने के लिए आगे आना चाहिए। सभी होटलों में नियमित रूप से चेकिंग होनी चाहिए।

-नवीन गुप्ता

अध्यक्ष

संयुक्त व्यापार संघ