RANCHI : जिस देश में नारी को देवी का दर्जा है। जहां नारी की पूजा शक्ति के रूप में होती है, उसी समाज में कन्याएं प्रताडि़त हो रही हैं। तमाम कोशिशों के बाद भी कन्याओं के साथ अत्याचार का ग्राफ कम होने का नाम नहीं ले रहा है। इसका सबसे भयावह पहलू यह है कि नवजात कन्या को भी मौत के मुंह में छोड़ने से कुछ लोग बाज नहीं आते हैं। जिस मां की कोख में बेटी नौ माह पलती है, जन्म लेने के बाद उसे ही लावारिस की तरह छोड़ दिया जाता है। झारखंड में ऐसी कई नवजात कन्याएं लावारिस हालात में बरामद की जा चुकी हैं। आखिर मासूम कन्या की इसमें क्या गलती है, जो उसे इस तरह की सजा दी जाती है। समाज के सामने यह सबसे बड़ा सवाल है।

मां की ममता होती है शर्मसार

नवजात कन्या को लावारिस की तरह फेके जाने की बढ़ रही घटनाओं से मां की ममता शर्मसार हो रही है। महिलाओं को समाज में उसका अधिकार और हक दिलाने की बात करनेवाले संगठन भी इस मामले में चुप्पी साधे हुए हैं। आखिर एक मां के सामने ऐसी क्या मजबूरी होती है कि जिसे वह नौ महीने अपने कोख में रखती है, जन्म के बाद उसे लावारिस की तरह छोड़ देती है। आखिर बेटी को ममता का आंचल देने की बजाय अपने से दूर कर देती है। पूरे समाज को इस मामले पर गहन मंथन करने की जरूरत है।

माहेर का सहारा

माहेर (मां का घर) में ऐसी कई बेटियां पल-बढ़ रही हैं, जिन्हें लावारिस हालात में छोड़ दिया गया था। सड़कों से बरामद इन बेटियों को माहेर का आश्रय मिला हुआ है। भले ही इन बेटियों की मां इनके साथ नहीं हैं, पर माहेर में इन्हें मां की ही तरह प्यार करनेवालों की कोई कमी नहीं है। आज माहेर होम में भ्0 से भी ज्यादा बच्चे-बच्चियों की किलकारी यहां की शोभा बढ़ा रही है।

नवजात कन्या का िमला था शव

कोतवाली पुलिस ने बड़ा तालाब के पास से कुछ महीने पहले एक नवजात कन्या का शव बरामद किया था। जमीन में दफन नवजात के शव को जानवर नोच-खसोट रहे थे। जब कुछ लोगों की नजर इस ओर गई तो उन्होंने कोतवाली पुलिस को इसकी जानकारी दी। कोतवाली पुलिस ने शव को बरामद करने के बाद मामले की छानबीन की तो पता चला कि यहां एक हॉस्पिटल है, जहां गैर कानूनी तरीके से गर्भपात कराने का धंधा फल-फूल रहा है। ज्यादातर कुंवारी युवतियां गर्भ ठहर जाने पर गर्भपात कराने के लिए यहां अाती हैं।

डिस्टलरी पुल के पास िमला था शव

सदर थाना पुलिस ने हाल ही में लालपुर-कोकर रोड में डिस्टलरी पुल के नाले से एक नवजात का शव बरामद किया था। नवजात के शव को देखने के लिए यहां भीड़ लग गई थी। पुलिस छानबीन में पता चला कि जन्म के बाद नवजात का गला घोंट दिया गया था। इसके बाद उसे रात के अंधेरे में डिस्टलरी पुल के नाले में फेंक दिया गया।

कोख उजाड़ दी जाती है

शादीशुदा महिलाओं में भी नवजात कन्याओं को मारने का ग्राफ बढ़ रहा है। कोख में पल रहा शिशु नर नहीं, मादा है, इसकी जानकारी होने पर गर्भ गिराने के लिए मां पर दबाव बनाया जाता है। इसके लिए डॉक्टर्स को भी वे लालच देने से पीछे नहीं हटते हैं। पैसे के लालच में कई डॉक्टर्स कानून को धत्ता बताते हुए गर्भपात कराने का काम करते हैं। वैसे तो भ्रूण जांच पर कानूनन रोक है, पर कई अल्ट्रासाउंट व सोनोग्राफी सेंटर्स हैं, जहां चोरी-छिपे भ्रूण जांच की जाती है।