RANCHI: छत्तीसगढ़ के सुकमा नक्सली हमले में शहीद गढ़वा के सीआरपीएफ जवान आशीष कुमार सिंह (ख्7 वर्ष) ने फ्0 अप्रैल को छुट्टी पर गांव लौटने का वादा किया था। इससे पहले ख्भ् अप्रैल को ही तिरंगे में लिपटा झारखंड के इस लाल का शव उसके पैतृक गांव गरनाहा पहुंच गया। यह देख परिजनों व गांव वालों पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। गांव में मातम के बीच शहीद बेटे को श्रद्धांजलि दी गई। गौरतलब हो कि सुकमा जिले के चिंतागुफा व बुरकापाल के करीब सड़क बनाई जा रही है। सीआरपीएफ की पैट्रोल पार्टी को यहां सिक्यूरिटी में लगाया गया था, जहां सोमवार को करीब फ्00 नक्सलियों ने हमला बोल दिया। इसमें ख्भ् जवान शहीद हो गए

बेटा पूछ रहा-पापा को क्या हो गया

बीती रात ही आशीष कुमार सिंह के परिजनों को उनके शहीद होने की सूचना मिल गई। शहीद की पत्‍‌नी का रो-रोकर बुरा हाल है। वो बार-बार बेहोश हो रही हैं। इधर, उनका पांच साल का बेटा अपनी मां से बार-बार पूछ रहा है- पापा को क्या हो गया? तुम क्यों रो रही हो?

जनवरी में दादा के अंतिम संस्कार में आए थे

शहीद आशीष कुमार सिंह के अच्छे व्यवहार की वजह से पूरा गांव उसका चहेता था। बड़े भाई आईटीबीपी, चंडीगढ़ में तैनात हैं। आशीष कुमार सिंह मैट्रिक पास करने के बाद ख्0क्0 में सीआरपीएफ ज्वॉइन किया था। उनके दो बेटे हैं। एक पांच साल, दूसरा ढाई साल का। परिजनों ने बताया कि आशीष इससे पहले जनवरी में अपने दादा के दाह-संस्कार में शामिल होने आए थे। इसके बाद से वो ड्यूटी पर ही थे।