-सर्दी न पड़ने से वुलेन से लेकर इलेक्ट्रिकल बाजार में छाया जबरदस्त सन्नाटा

-दुकानदारों ने छूट के ऑफर भी दिए, लेकिन खरीदार नहीं आए

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KANPUR : सर्दी के मौसम का गर्म मिजाज बाजार पर भारी पड़ गया। ऊलेन से लेकर इलेक्ट्रिकल गुड्स के व्यवसायी माथा पीट रहे हैं। उनकी समझ में नहीं आ रहा है कि करोड़ों का स्टाक कहां खपाएं। हालात यहां तक पहुंच गए हैं कि खरीद कीमत से कम दाम पर माल खरीदने वाला नहीं मिल रहा है। कुल मिलाकर करीब सर्दी में गर्मी के अहसास ने करीब एक हजार करोड़ रुपए के बाजार को बर्बाद करके रख दिया।

चढ़ता ही गया पारा

अमूमन दिसम्बर महीना शुरू होते ही कड़कड़ाती सर्दी पड़ने लगती है। इसको देखते हुए हर साल की तरह इस बार भी ऊलेन कपड़े, ऊन, हीटर, ब्लोअर, गीजर आदि का स्टाक व्यापारियों ने पहले से ही कर लिया था। 20 दिसम्बर से मौसम ने करवट बदली और थोड़ी-थोड़ी ठंड होना शुरू हुई। यह देख ऊलेन और इलेक्ट्रिकल आइटम बेचने वाले दुकानदारों को आशा जगी कि अब बाजार चलेगा, बिक्री होना शुरू भी हुई, लेकिन 31 दिसम्बर से मौसम एकदम से पलटने लगा। पारा घटने के बजाय चढ़ना शुरू हो गया।

मौसम के रुख पर बढ़ी बेचैनी

मौसम के इस रुख पर व्यापारियों में बेचैनी बढ़ने लगी है, लेकिन वे उम्मीद कर रहे थे कि दो-चार दिन में सर्दी बढ़ने लगेगी। व्यवसाइयों की उम्मीद का दिया बुझ गया और मौसम का रुख ऐसा हो गया कि लोग गर्म कपड़े पहनने के बजाय कम करने लगे। ऊन के विक्रेता राजेश गुप्ता का कहना था कि इस बार हम लोग बरबाद हो गए। जितने माल का स्टाक किया था, उसका 25 फीसदी भी नहीं बिका है। परेड स्थित ऊलेन कपड़ों की एक बड़ी दुकान के बाहर इस बार सर्दी न पड़ने से माल पर भारी छूट लिखा बैनर टांग कर ग्राहकों को आकर्षित करने की कोशिश की गई, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला।

छूट के ऑफर भी हुए नाकाम

यहीं नहीं गुमटी, नवीन मार्केट, पीपीएन मार्केट, किदवईनगर, गोविन्दनगर आदि बाजारों में जगह-जगह ऊनी कपड़ों की खरीद पर छूट भी कर दी गई। दुकानदार सत्येन्द्र ने बताया कि इसका भी कोई असर नहीं पड़ा। फूलबाग गणेश उद्यान में ऊनी कपड़ों का तिब्बती बाजार भी सन्नाटे में डूबा नजर आया। यहां के दुकानदार शैलेश का कहना है कि पिछली बार से इस बार सिर्फ 30 प्रतिशत ही दुकानदारी हुई है। कुछ कमाने की बात छोडि़ए, इस ग्राउंड का किराया तक भी निकालना मुश्किल हो गया है।

पिछले साल शार्टेज हो गई थी

ऊलेन आइटम के अलावा सर्दी के दिनों में इलेक्ट्रिकल बाजार मनीराम बगिया में भी रौनक रहती है, लेकिन इस साल दुकानदार मुंह लटकाए बैठे हैं। न तो हीटर, ब्लोअर बिक रहे और न ही गीजर। इस बाजार की हालत पिछले साल इन दिनों ऐसी थी कि हीटर और ब्लोअर की शार्टेज हो गई थी। दुकानदार प्रदीप मेहरोत्रा ने कहा कि लाखों का माल स्टाक किए बैठे हैं, लेकिन बिक्री 10 फीसदी भी नहीं हुई है। अब मौसम बदलने की कोई उम्मीद भी नहीं है। एक अन्य दुकानदार राजेश गुप्ता ने कहा कि बाजार में माल की उधारी भी रहती है। मैन्युफैक्चर्स ने तगादा करना शुरू कर दिया है। बिक्री एक पैसे की नहीं हुई।

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- अब मौसम में बदलाव होने की कोई उम्मीद नहीं है। इस बार सीजन बर्बाद कर गया।

-प्रदीप मेहरोत्रा

- बड़ी उम्मीद थी कि यह सीजन अच्छी बिक्री देगा, लेकिन सब कुछ उलटा हो गया।

-राजेश गुप्ता

- हालत यह है कि मुश्किल से बोहनी हो रही है। लाखों का माल कहां बेचे समझ में नहीं आ रहा।

-रजनीश गुप्ता

- कभी भी इस तरह से मौसम नहीं देखा, बिक्री की सारी उम्मीद खत्म हो गई है।

राजेश कुमार