RANCHI : कोडरमा जिला कांग्रेस अध्यक्ष शंकर यादव की हत्या पूरी प्लानिंग के साथ की गई थी। योजना ढाई माह पहले बनी थी। इस हत्याकांड के मुख्य आरोपी मुनेश यादव, उसके भाई पवन यादव, फुफेरा भाई नरेश यादव, चंदवारा के ही पुरनाथाम निवासी मुनेश के भांजा सुदीप यादव व रामदेव यादव की गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने यह खुलासा किया है। सोमवार को हजारीबाग एसपी ऑफिस में डीआईजी भीमसेन टूटी ने कहा कि मामले में उपर्युक्त पांच लोगों की प्रत्यक्ष तौर पर संलिप्तता पाई गई है। अपराधियों को आíथक सहयोग करने में कुछ लोगों की संलिप्तता सामने आ रही है।

प्लानिंग बना गया वेल्लोर

डीआईजी ने बताया कि शंकर यादव की हत्या की योजना की सारी तैयारी करने के बाद मुनेश घटना के दो दिन पहले ही वेल्लोर के लिए चल चुका था। मुनेश का फुफेरा भाई नरेश यादव ने शंकर यादव के आने जाने की रेकी कर इसकी सूचना दी। वहीं सुदीप यादव, रामदेव यादव, नरेश यादव ऑटो में विस्फोटक लादने, ऑटो को उपलब्ध कराने आदि में शामिल रहा। घटना में नक्सलियों की संलिप्तता के संबंध में अभी तक कोई साक्ष्य नहीं मिला है।

पूछताछ में हो सकते कई अहम खुलासे

डीआईजी ने बताया कि मुनेश की गिरफ्तारी तमिलनाडु के वेल्लोर में स्थित सीएमसी परिसर से की गई है। उसे वहां के न्यायालय में प्रस्तुत कर ट्रांजिट रिमांड पर कोडरमा लाया गया है। अभी उससे काफी पूछताछ करनी बाकी है।

शंकर-मुनेश में माइंस को लेकर था विवाद

शंकर यादव और मुनेश यादव के बीच माइंस को लेकर विवाद था। 13 फरवरी को कोडरमा के चंदवारा-सल्हरा रोड पर आइईडी (इंप्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस) ब्लास्ट कर शंकर यादव की स्कॉर्पियो को उड़ा दिया गया था। ब्ला¨स्टग का काम मुनेश के भाई पवन यादव ने किया। जबकि पूरी योजना मुनेश व उसके भाई पवन यादव ने बनाई। साढ़े तीन माह पूर्व भी मुनेश यादव ने शंकर यादव के सीने में सटाकर गोली चलाई थी। इस घटना में वे किसी तरह बच गए थे। तब से मुनेश फरार चल रहा था।