-मौरावां बस स्टेशन के घटिया निर्माण के आरोपों के बाद भी विभाग चुप

- जंग लगी सरिया और नींव तक में हो रहा पुरानी ईंट का प्रयोग

UNNAO: लगभग एक दशक से अपनी दुर्दशा के आंसू बहा रहे जर्जर मौरावां के रोडवेज बस स्टेशन पर लगा ग्रहण पुन: निर्माण के लिए धन स्वीकृत होने के बाद भी नहीं हटा। विभागीय अनदेखी और ठेकेदार की मनमानी के कारण भवन निर्माण को लेकर अभी से उंगलियां उठ रही हैं। निर्माण कंपनी द्वारा पुराने भवन से निकले ईट हों या फिर जंग खाई सरिया का प्रयोग किया जा रहा है। इसे लेकर स्थानीय नागरिकों में खासा असंतोष व्याप्त है। जिसकी कई बार विभागीय अधिकारियों से शिकायत भी की है। इसके बाद भी अब तक किसी ने कोई सुनवाई तक नहीं की है।

50 लाख का है बजट

मौरावां कस्बे का 45 वर्ष पुराना रोडवेज बस स्टेशन लगभग एक दशक से वीरान पड़ा था। जर्जर हालत के कारण यहां यात्रियों की कौन कहे जानवर भी नहीं दिखाई पड़ते थे। इसे लेकर जागरण ने अभियान चलाया। क्षेत्रीय विधायक ने भी मामले को गंभीरता से लिया और नए रोडवेज भवन की स्थापना को मंजूरी दिलायी। इसी के बाद विभाग ने 50 लाख रुपए स्वीकृत कर दिए। भवन का निर्माण कार्य भी शुरू हो गया लेकिन उसी निर्माण में संबंधित ठेकेदार ने खेल शुरू कर दिया। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार भवन निर्माण कार्य में पुराने भवन से निकाली गई ईंटों के अलावा सरिया तक का प्रयोग किया जा रहा है। इन्हीं ईटों से शौचालय का टैंक और पूछताछ कार्यालय बनकर तैयार भी कर दिया गया है।

बालू का हो रहा इस्तेमाल

भवन के निर्माण में बालू लगाने का उल्लेख नही है पर निर्माण में बालू का जमकर इस्तेमाल किया जा रहा है। भवन की चुनाई में जो सामग्री का प्रयोग किया जा रहा है वह ऐसा है कि मानों रेत ही लगायी जा रही हो। मौरावां नगर पंचायत के 5 सभासदों एक अन्य जन प्रतिनिधि बसों के चालकों, परिचालकों, व्यापारियों तक इसे लेकर आक्रोशित हैं। लोगों का कहना कि यदि इस पर विभाग ने जल्द नकेल कसर निर्माण की गुणवत्ता पर ध्यान न दिया तो यह कभी भी किसी अप्रिय घटना का कारण बन सकता है। स्थानीय नागरिकों में शिव कुमार गुप्ता ने इस मामले की शिकायत क्षेत्रीय प्रबंधक व सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक को घटिया निर्माण के संबंध में शिकायत की है। इसमें उन्होंने निर्माण को लेकर बरती जा रही खामियों को ¨बदुवार जानकारी दी है लेकिन अभी तक इसपर कोई भी सुनवाई नहीं की है।

पुरानी ईटों को नीलाम न कर इसका इस्तेमाल करवा रहा हूं। रही बात सरिया की तो इसको कबाड़ी 20 रुपये किलो लेगा। इससे अच्छा है कि यही सरिया तथा पुराना ईट लगवा दूं। निर्माण में मानकों का ध्यान रखा जा रहा है।

- धीरज कुमार, भवन निर्माण प्रभारी

निर्माण संबंधी कार्य पर मेरा कोई भी हस्तक्षेप नहीं है। इससे उसमें कोई दखल नहीं दे सकता हूं। फिर भी इसकी सूचना उच्चाधिकारियों को दे दूंगा। इसपर निर्माण विभाग ही खुद हस्तक्षेप कर सकता है। उन्हें भी इसकी जानकारी आप लोगों को देनी चाहिए। - आरबी विश्वकर्मा, सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक