- सामाजिक-आर्थिक गणना 2011 के आकड़ों के अनुसार हो रहे चिन्हित

- एक अक्टूबर से लागू हो रही योजना में सब्सिडी का पैसा खाते में जाएगा

FATEHPUR: यदि आपके पास मकान है तो खाने की ¨चता सरकार पर छोड़ दें। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन में जिले के साढ़े पांच लाख परिवार यानी बीस लाख की आबादी के लिए गल्ला सस्ती दर पर देने की तैयारी की जा रही है। एक अक्टूबर से लागू होने वाली इस महत्वाकांक्षी योजना में विभाग ने अब तक 4 लाख 93 हजार परिवारों को चिन्हित कर लिया है। सामाजिक-आर्थिक गणना 2011 के डाटा के अनुसार ही परिवारों को चिन्हित किया जा रहा है।

फरवरी 2015 से शुरू हुआ सर्वे

बताते चलें कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अभियान के तहत वर्ष 2011 की आर्थिक सामाजिक आबादी की गणना के अनुसार शहरी क्षेत्र में 65 व ग्रामीण क्षेत्र में 80 प्रतिशत परिवारों को इस योजना के दायरे में लाना था। पूर्ति विभाग द्वारा फरवरी 2015 से ऐसे परिवारों के सर्वे का काम शुरू करा दिया गया था। 28 जुलाई तक शहर क्षेत्र में 93 हजार परिवारों को चिन्हित कर लिया गया है। जबकि शहरी क्षेत्र में ही 36 हजार कार्ड धारकों ने ऑनलाइन आवेदन भी कर दिया है। वहीं ग्रामीण क्षेत्र में 4 लाख परिवार दायरे में लिए गए हैं और दायरे में आने के लिए 1 लाख 66 हजार उपभोक्ताओं ने ऑनलाइन आवेदन किया है। जिला पूर्ति कार्यालय से अब जिले के 13 ब्लाकों के खंड विकास अधिकारियों से सूची मंगाई जा रही है और सर्वे सूची मिलने पर उसे कम्प्यूटराइज्ड किया जा रहा है।

30 जुलाई तक सूची जमा करनी है

राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा की योजना 1 अक्टूबर 2015 से लागू कर दी जाएगी। जिसके तहत चिन्हित परिवारों को कम रेट पर गेहूं, चावल, दाल व चीनी मुहैया कराई जाएगी। शत प्रतिशत सर्वे करके 30 जुलाई तक सूची जमा करनी है, लेकिन लक्ष्य करीब साढ़े 5 लाख परिवारों को चिन्हित करने का है। इसलिए जहां काम धीमे हो रहा है, वहां पर तेजी लाने की हिदायत दी गई है। खास बात यह है कि शहरी व ग्रामीण क्षेत्र में ऑनलाइन आवेदन करने वाले दो लाख उपभोक्ताओं में हजारों ऐसे उपभोक्ता हैं, जिनके परिवार का नाम सर्वे सूची में भी है और उन्होंने ऑनलाइन भी कर दिया है। ऐसे परिवारों की छंटनी भी की जा रही है।

'30 जुलाई अंतिम तिथि होने की वजह से जिले के 13 ब्लाकों से चिन्हित 4.93 लाख परिवारों की सर्वे सूची मंगाकर कम्प्यूटरीकृत की जा रही है। हालांकि केंद्र सरकार की यह योजना 1 अक्टूबर से लागू होगी, लेकिन उसके पहले सभी परिवारों की डाटा फी¨डग कम्प्यूटर में कर लेनी है, उसके पहले करीब साढ़े 5 लाख परिवारों को इसके दायरे में लाने का लक्ष्य है। कई ऐसे परिवार हैं, जिनका सर्वे सूची में भी नाम है और उन्होंने ऑनलाइन भी आवेदन कर दिया है, छंटनी पर एक जगह से ऐसे परिवारों के नाम हटा दिए जाएंगे.'

- ओमप्रकाश, जिला पूर्ति अधिकारी