-आईजी के मामला संज्ञान में लेते ही विवेचक ने आरोपी पर बढ़ा दी गैर इरादतन हत्या की धारा

-कारोबारी का बेटा भी शक के घेरे में, ड्राइवर बेकसूर तो नहीं बनेगा बलि का बकरा

-पुलिस ने कारोबारी और उनके बेटे से पूछताछ की तैयारी की, तलाश में दबिश भी दी गई

KANPUR: वीआईपी रोड पर ऑडी कार से हुए हिट एण्ड रन केस में असली गुनहगार को बचाने के मैनेजमेंट को आई नेक्स्ट ने फेल कर दिया। आई नेक्स्ट की खबर और सबूतों को संज्ञान में लेते हुए आरोपी पर गैरइरादतन हत्या की धारा बढ़ा दी गई। इधर, कारोबारी का बेटा भी शक के घेरे में आ गया है। पुलिस ने उससे पूछताछ की तैयारी भी की है, लेकिन पुलिस को उसकी लोकेशन नहीं मिल रही है। पुलिस सच्चाई जानने के लिए गवाहों के दोबारा बयान भी दर्ज करेगी।

आरोप सिद्ध तो 0 साल कैद

पुलिस ने ऑडी कार चलाने वाले पर 304 (2) यानि गैरइरादतन हत्या की धारा बढ़ाई है। इस धारा में दस साल कैद और जुर्माने की सजा का प्रावधान है। आईजी आशुतोष पाण्डेय ने सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन के आधार पर आरोपी पर यह धारा बढ़ाई है। सुप्रीम कोर्ट ने एक्सीडेंट के एक मुकदमे की सुनवाई करते हुए टिप्पणी की थी कि कार रेसिंग या शराब पीकर कार चलाने पर सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। इस मुकदमे में सुप्रीम कोर्ट ने आरोपियों को धारा 304 (2) के तहत सजा सुनाई थी।

नहीं चलेगा रसूख और पैसे का खेल

कारोबारी अरविन्द टण्डन की ऑडी कार से वीआईपी रोड पर हुए हिट एण्ड रन का केस में एक वृद्धा की मौत हुई है, जबकि दो युवक घायल हुए हैं। इसमें पुलिस परिस्थितिजन्य साक्ष्यों को नजरंदाज कर रसूख और पैसे के दबाव में पुलिस ड्राइवर को आरोपी बनाने में कोशिश कर रही थी। इस मुद्दे को आई नेक्स्ट ने प्रमुखता से छापा तो पुलिस की जांच कठघरे में आ गई। पुलिस पहले दोनों हिट एण्ड रन केसों में यह कोशिश कर चुकी है जिसका भी आई नेक्स्ट ने हवाला दिया तो आईजी ने खुद ही मामले को संज्ञान में ले लिया। उन्होंने विवेचक से जांच की बावत सवाल किए तो उसके पसीने छूट गए। आईजी के मुताबिक ड्राइवर ही शक के घेरे में नहीं है, बल्कि कारोबारी का बेटा भी शक में घेरे में है। इससे साफ हो गया है कि अगर घटना के दौरान ड्राइवर गाड़ी नहीं चला रहा था तो वह बलि का बकरा नहीं बनेगा।

बंगले में दिखावे के लिए ताला

कारोबारी अरविन्द टण्डन कार एक्सीडेंट के बाद से फैमिली समेत गायब हैं। पुलिस ने उनकी तलाश में बंगले में दबिश दी, लेकिन बंगले में ताला लगा होने से पुलिस को बैरंग लौटना पड़ा। जिसकी पुष्टि करने के लिए आई नेक्स्ट की टीम भी बंगले में गई तो वहां पर कुछ और पता चला। कारोबारी अरविन्द के बंगले के गेट पर ताला तो बन्द है, लेकिन बंगले में जाने का एक दूसरा रास्ता भी है। कारोबारी अरविन्द का बंगला एक प्रिंटिंग प्रेस के मालिक के बंगले से सटा हुआ है। दोनों बंगलों की एक दीवार सटी हुई है। जिसमें दीवार का कुछ हिस्सा बना ही नहीं है। जिससे रास्ते से कोई भी आसानी कारोबारी के बंगले के अन्दर जा सकता है। वहां के आसपास अपार्टमेंट और बंगलों के गा‌र्ड्स का कहना है कि बंगले में सिर्फ दिखावे के लिए ताला लगा है। पूरी फैमिली यहीं पर है। कारोबारी फैमिली समेत सुबह निकल जाते हैं और शाम को घर लौटते हैं। इस बारे में पुलिस को भी मालूम है, लेकिन पुलिस सिर्फ दिखावे के लिए दबिश दे रही है। पुलिस बंगले का ताला देखकर वापस लौट जाती है। पुलिस ने ये भी चेक करने की कोशिश नहीं की कि बंगले में जाने का दूसरा रास्ता भी है।

मोबाइल से होगी पहचान

कारोबारी अरविन्द टण्डन की ऑडी कार कौन चला रहा था यह अभी साफ नहीं हो पाया है। पुलिस असली गुनाहगार को पकड़ने के लिए मोबाइल लोकेशन चेक करेगी। इसके लिए मोबाइल टॉवर लोकेशन को खंगाला जा रहा है। पुलिस कारोबारी के कॉल डेटा रिकार्ड से ये भी पता लगाने की कोशिश कर रही है कि उनको घटना की जानकारी किसने दी थी। पुलिस का मानना है कि जिस व्यक्ति ने कारोबारी को सूचना दी थी वो घटना स्थल पर मौजूद होगा। उसे मालूम होगा कि कौन कार चला रहा था। इसलिए कारोबारी के कॉल डेटा रिकार्ड से उस व्यक्ति का पता कर उससे पूछताछ की जाएगी। इसके अलावा लैंडमार्क के सीसीटीवी फुटेज से ये पता लगाया जाएगा कि ऑडी कार से कौन होटल पहुंचा था। वहां से कौन-कौन कार से वापस आए थे। वहां पर कार चलाने वाला ने शराब पी थी या नहीं, इसका भी पता फुटेज से चल जाएगा। अगले एक से दो दिन में पुलिस फुटेज हासिल कर लेगी।

दूसरी कार के सवारों पर भी सख्त कार्रवाई

इलाकाई लोगों के मुताबिक ऑडी कार चलाने वाला रेसिंग कर रहा था। पुलिस ये भी पता कर रही है कि ऑडी कार चलाने वाला किससे रेसिंग कर रहा था। आईजी आशुतोष पाण्डेय ने बताया कि दूसरी कार चलाने वालों का भी पता लगा जा रहा है। भले ही उनकी कार से एक्सीडेंट नहीं हुआ है, लेकिन वो कार रेसिंग का जुर्म कर रहे थे। वे हाई स्पीड में कार चला रहे थे। यह भी ट्रैफिक नियमों के विपरीत है। इसलिए उन पर भी कार्रवाई होगी। अगर किसी कार की वजह से दूसरी एक्सीडेंट करती है तो दोनों कार चलाने वाले बराबर के दोषी हैं।

वर्जन

मैं खुद इस केस की मॉनीटरिंग कर रहा हूं। मैंने विवेचक को बुलाकर सबूतों को देखा है। विवेचक को वैज्ञानिक तरीके से जांच करने के लिए कहा गया है, ताकि आरोपी के खिलाफ ठोस सबूत जुटाए जा सके। मामले की निष्पक्ष जांच कर असली गुनाहगार को पकड़ा जाएगा।

आशुतोष पाण्डेय , आईजी जोन