आई एक्सक्लूसिव

-हजारों हेक्टेयर जमीन होने के बावजूद हाउसिंग स्कीम के लिए नहीं मिलती भूमि

-भूमाफिया से मिलकर फाइलों में इम्प्लाई दबाए बैठे हैं जमीन, अनयूज्ड, डिस्प्यूट, कोर्ट केस बताकर हाथ खड़े कर देते इम्प्लाई

-जमीनों का डाटा वाइज होगा डिजिटाइजेशन, एक क्लिक पर पता चल जाएगा पूरी डिटेल के साथ जमीनी हकीकत

KANPUR : केडीए के पास हजारों हेक्टेयर जमीन होने के बावजूद भी उसे हाउसिंग स्कीम्स के लिए भूमि नहीं मिलती है। इम्प्लाई या तो जमीन को विवादित बता देते हैं या फिर हाउसिंग स्कीम के लिए नकार देते हैं। हकीकत है कि इम्प्लाइज की मिलीभगत से भूमाफिया केडीए की करोड़ों की जमीन दबाए बैठे हैं। केडीए की जमीनों का सच अब ड्रोन सर्वे से खुलकर सामने आ जाएगा। शासन केडीए की जमीनों का लैंड ऑडिट कराने जा रहा है। लैंड ऑडिट के लिए पिछले दिनों लखनऊ की कम्पनी केडीए आ चुकी है।

कागजों में जमीन ही जमीन

कागजों में तो केडीए के पास टोटल अर्जित भूमि 705.3348 हेक्टेयर है। इसी तरह ग्राम समाज की 3947.7190 हेक्टेयर है। वहीं अरबन सीलिंग से केडीए को 643.360 हेक्टेयर भूमि मिली है। लेकिन केडीए इम्प्लाइज की मिलीभगत से बड़े पैमाने पर जमीनों पर या तो अवैध कब्जे हो चुके हैं या फिर मुकदमे में फंस चुकी हैं। केवल ग्राम समाज की ही 645.943 हेक्टेयर जमीन पर इम्प्लाई स्टे या फिर अवैध कब्जे बता रहे हैं। इसी तरह केडीए 705.3348 हेक्टेयर अर्जित जमीन में से 228.385 हेक्टेयर भूमि इस्तेमाल नहीं कर पा रहा है। इन जमीनों पर केडीए इम्प्लाई विवाद व कोर्ट केस बता रहे हैं। अर्जित व ग्राम समाज के अलावा केडीए की 190 हेक्टेयर से अधिक अरबन सीलिंग की लैंड को भी इम्प्लाई ही विवादित करार दे चुके हैं। इनका इस्तेमाल केडीए अपनी हाउसिंग स्कीम या हाउसिंग प्रोजेक्ट के लिए केडीए नहीं कर पा रहा है।

एक हजार करोड़ की जमीन

इस रिपोर्ट के मुताबिक केडीए के चारों जोन आदि को मिलाकर लगभग 500 हेक्टेयर जमीन अवैध कब्जों की गिरफ्त में है। केवल सर्किल रेट के मुताबिक ही इस जमीन की कीमत लगभग 1000 करोड़ रुपए है, जबकि मार्केट रेट के हिसाब से जमीन की कीमत इससे भी कहीं ज्यादा है। केडीए की जमीनों पर सबसे अधिक अवैध कब्जे साउथ सिटी में हैं। इसमें चकेरी, सनिगवां, बिनगवां, नौबस्ता, जाजमऊ, कल्याणपुर, पनकी आदि एरिया शामिल हैं।

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एक क्लिक से सामने हाेंगी जमीनें

शासन द्वारा लैंड ऑडिट के लिए लगाई गई लखनऊ की कम्पनी पीसीएस मैनेजमेंट कंसलटेंसी प्राइवेट लिमिटेड पिछले दिनों केडीए आई थी। उसने जमीनों के ऑडिट को लेकर किए जाने वाले कार्यो की जानकारी भी दी। जिसमें जमीनों का सुपर इम्पोज ड्रोन सर्वे आदि शामिल हैं। केडीए के सेक्रेटरी केपी सिंह ने बताया कि कम्पनी केडीए की जमीनों का तहसील से मिलान कर पूरी डिटेल तैयार करेगी। केडीए को कितनी जमीन मिली थी? कितनी अर्जित की? कितनी अभी तक यूज हुई? कितने में अवैध कब्जे? कितने पर विवाद? जमीन किस स्थिति में है? हाउसिंग स्कीम में यूज हो सकती है या नहीं? अनयूज्ड लैंड, कोर्ट केस में फंसी आदि जानकारियां रहेंगी। प्लॉट, से लेकर आराजी डाटा वाइज जमीनों, मैप तक का डिजिटाइजेशन हो जाएगा। इससे तुरन्त ही जमीनों और उसकी वास्तविक स्थिति की जानकारी हो जाएगी।

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केडीए की जमीन का हाल

अर्जित भूमि

टोटल- 705.3348 हेक्टेयर

स्टे, अवैध कब्जे- 229.385 हे।

ग्राम समाज

टोटल- 3947.7190 हेक्टेयर

स्टे, अवैध कब्जे- 645.943 हे।

अरबन सीलिंग

टोटल- 643.360 हेक्टेयर

स्टे, अवैध कब्जे- 190.3275 हे।

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