इलाहाबाद हाई कोर्ट ने साक्ष्यों के आधार पर डिसीजन

ALLAHABAD: हाईकोर्ट ने कहा कि कर्मचारी की दूसरी पत्‌नी का पुत्र वैध संतान है और उसे मृतक आश्रित कोटे के तहत अनुकंपा नियुक्ति पाने का अधिकार है। कोर्ट ने पुलिस स्थापना बोर्ड को निर्देश दिया है कि याची की नियुक्ति पर पुराने नियम (2015 से पूर्व) के तहत विचार कर निर्णय लिया जाए। मैनपुरी के आलोक कुमार की याचिका पर जस्टिस आरएसआर मौर्या ने सुनवाई की।

नहीं कर सकते इंकार

अधिवक्ता विजय गौतम का कहना याची के पिता पुलिस विभाग में कांस्टेबल थे चार फरवरी 2010 को उनकी मृत्यु हो गईउनकी पत्‌नी मालती देवी और दूसरी पत्‌नी साधना देवी है। याची साधना देवी का पुत्र है सभी एक साथ रहते हैं और याची के आवेदन पर परिवार के किसी भी व्यक्ति को आपत्ति नहीं है उसने मृतक आश्रित कोटे के तहत नियुक्ति हेतु प्रत्यावेदन दिया विभाग ने दूसरी पत्‌नी के अवैध होने के कारण उसकी संतान को नियुक्ति देने से इंकार कर दिया अधिवक्ता ने दिया तर्क मद्रास हाईकोर्ट ने यूनियन ऑफ इंडिया बनाम करूमबाई केस में कहा है कि दूसरी पत्‌नी की संतान वैध माना जाए इस आदेश को सुप्रीमकोर्ट ने भी सत्यापित कर दिया है।

अनुकंपा नियुक्ित देने का निर्देश

याची का प्रत्यावेदन लंबित रहने के दौरान प्रदेश सरकार ने उत्तर प्रदेश सब इंस्पेक्टर एवं इंस्पेक्टर सर्विस रूल्स 2015 लागू कर दिया इसमें अनुकंपा नियुक्ति को सीमित कर दिया गया है चूंकी याची ने नई नियमावली लागू होने से पूर्व प्रत्यावेदन दिया था कि इसलिए विक्रांत तोमर केस में हाईकोर्ट की खंडपीठ द्वारा दिए आदेश के तहत उसे पूराने नियम से नियुक्ति पाने का अधिकार है। कोर्ट ने याची के प्रत्यावेदन पर पुराने नियम के तहत उसे अनुकंपा नियुक्ति देने का निर्देश दिया है।