- सीएमओ का सर्टिफिकेट ही आएगा काम।

- यूपी बोर्ड में ड्यूटी को लेकर दिए सख्त निर्देश

Meerut - यूपी बोर्ड की परीक्षा की ड्यूटी छोड़कर शिक्षक अब बहाने नहीं बना सकेंगे। क्योंकि माध्यमिक शिक्षा सचिव ने इसबार सख्त निर्देश जारी किए है। यहीं नहीं शिक्षकों की बीमारी पर अब उनका लगाया सामान्य डॉक्टर का अस्वस्थ प्रमाणपत्र भी काम नहीं आएगा। इस बार परीक्षा में डयूटी करना अनिवार्य कर दिया गया है। अगर किसी शिक्षक को वास्तव में बीमारी है तो उसके लिए सीएमओ का ही प्रमाणपत्र माना जाएगा।

करते थे बचने के बहाने

गौरतलब है कि यूपी बोर्ड की ओर से आयोजित बोर्ड की परीक्षा में ड्यूटी से बचने के लिए अधिकांश शिक्षक प्रत्येक वर्ष बीमारी का बहाना बनाते थे। जिसके कारण परीक्षा के दौरान कक्ष निरीक्षकों की कमी पड़ जाती है। इन्हीं बातों पर ध्यान करते हुए इस साल बोर्ड ने सख्त निर्देश पहले ही जारी कर दिए है। इसलिए अब शिक्षको की बीमारी का बनाना नहीं चल पाएगा। इतना नहीं डीआईओएस को भी परीक्षा केंद्र व्यवस्थापक व कक्ष निरीक्षकों की नियुक्ति में कठिनाइयों का सामना नहीं करना पड़ेगा। अधिकारियों की माने तो विभाग के पास पहले से ही शिक्षकों की कमी रहती है। उस पर शिक्षकों के बीमारी के बहाने सभी को परेशान कर देते हैं। मगर अब ऐसा नहीं चलेगा यदि शिक्षक सच में बीमार है तो उसे सीएमओ से ही प्रमाणपत्र बनवाना होगा।

एडेड कॉलेज के होंगे शिक्षक

वित्तविहीन या फिर विवादित कॉलेजों में केंद्र व्यवस्थापक एडेड कॉलेजों के शिक्षकों को ही बनाया जाएगा। ताकि शिक्षकों की की कमी को पूरा किया जा सके। केंद्र व्यवस्थापकों की नियुक्ति के लिए निर्देश दिए है कि अशासकीय मान्यता प्राप्त केंद्र व्यवस्थापकों के रुप में राजकीय व अशासकीय सहायता प्राप्त व माध्यमिक के योग्य व साफ छवि वाले केंद्र व्यवस्थापकों को ही चुना जाएगा।

बोर्ड में ड्यूटी से इंकार करने वालों को अब सीएमओ का ही सर्टिफिकेट लगाना होगा। अन्यथा लापरवाही मानी जाएगी व कार्रवाई होगी।

श्रवण कुमार यादव, डीआईओएस