PATNA: गंगा के इस पार से लेकर उस पार तक शायद ही कोई इलाका होगा जहां बालू उत्खनन नहीं किया जा रहा हो। हैरत की बात तो यह है कि एक तरफ जहां पुलिस कार्रवाई करती है तो दूसरी तरफ कुछ ऐसे भी पुलिस वाले हैं जिन्होंने बालू माफियाओं को संरक्षण दे रखा है। ऐसा ही मामला छपरा में सामने आया है। बताया जाता है कि पुलिस और बालू माफिया के बीच इस सांठगांठ में सारण के तत्कालीन एसपी पंकज राज की भूमिका भी जांच के घेरे में है। लिहाजा, बालू के अवैध खनन, भंडारण और परिवहन की जांच अब निगरानी अन्वेषण ब्यूरो की अपराध शाखा करेगी।

डीएम ने कराई थी प्राथमिकी

गौरतलब है कि इस मामले में सारण के तत्कालीन डीएम दीपक आनंद ने स्वयं सारण के जिला परिवहन पदाधिकारी अजय कुमार राय से डोरीगंज थाने में एक प्राथमिकी दर्ज कराई थी। बाद में यह महसूस किया गया कि जब जांच के घेरे में एसपी समेत सारण के कई थाने के पुलिस पदाधिकारी और कर्मी शामिल हैं तो इस मामले की तटस्थ जांच संभव नहीं है। ऐसे में डीएम के अनुरोध पर केस निगरानी अन्वेषण ब्यूरो का स्थानांतरित कर दिया गया।

क्या है मामला

बता दें कि ब् अक्टूबर, ख्0क्म् को तत्कालीन डीएम दीपक आनंद डोरीगंज थाना क्षेत्र में एनएच-क्9 से गुजरने वाले बड़े वाहनों की चेकिंग कर रहे थे। तब उनके साथ जिला परिवहन पदाधिकारी समेत कई अन्य विभागों के अधिकारी भी थे। उस वक्त डीएम ने बालू लदे कुल क्9 ट्रकों को रोका। जब ट्रक चालकों से बालू के संबंध में पूछताछ की गई तब उन्होंने डीएम और डीटीओ को एक दस का नोट दिखाया। जिसपर किसी पुलिस पदाधिकारी का हस्ताक्षर मौजूद था। ट्रक चालकों ने बताया कि वे इसी दस रुपये का नोट हर चेकपोस्ट और थाने में दिखाकर बालू को उसके गंतव्य तक पहुंचाया जाता है। हालांकि इस बीच तत्कालीन एसपी पंकज राज को क्ब् जनवरी को मकर संक्रांति के दिन हुई नौका दुर्घटना के बाद सस्पेंड कर दिया गया था।