PATNA: निलंबित क्क् थानेदारों के मामले में पुलिस एसोसिएशन अब आर पार की लड़ाई के मूड में है। एसोसिएशन ने सरकार से सवाल करते हुए कहा है कि निचले स्तर पर कर्मचारियों पर दबाव से राज्य में कानून राज पर खतरा उत्पन्न हो जाएगा। मालूम हो कि शराबबंदी कानून में लापरवाही के आरोप में क्क् थानेदारों को सस्पेंड किया गया है।

- निलंबन वापस नहीं हुआ तो आंदोलन

एसोसिएशन का कहना है कि निलंबित क्क् थानाध्यक्ष निर्दोष हैं। उन्हें निलंबनमुक्त करने के लिए पुलिस मुख्यालय को सितंबर तक का अल्टीमेटम दिया गया है। यदि ऐसा नहीं किया गया तो पुलिस निरीक्षक से लेकर सहायक पुलिस अवर निरीक्षक स्तर के सभी पुलिस पदाधिकारी चरणबद्ध आंदोलन कर प्रदेश पुलिस में भूचाल ला देंगे।

- अफसरों के सम्मान पर सवाल

एसोसिएशन ने सरकार से ये भी सवाल किया है कि एसपी व डीएसपी पर शराबबंदी में लापरवाही करने पर कार्रवाई नहीं होती है उल्टे उन्हें 'उत्पाद पदक' से सम्मानित किया जा रहा है। इसका क्या मतलब है? कार्रवाई के लिए थानेदारों को चुना जाना और पदक के लिए अधिकारियों को ये कैसा न्याय है? एसोसिएशन ने कहा कि पुलिस के निचले स्तर के पदाधिकारियों पर अत्यधिक दबाव डाला गया तो राज्य में 'कानून का राज' भी खतरे में पड़ सकता है।

- केंद्रीय कमेटी की बैठक में आक्रोश

रविवार को केंद्रीय कमेटी की बैठक में राज्य के सभी जिलों के पुलिस पदाधिकारियों व प्रतिनिधियों ने भाग लिया। उनके अंदर सरकार की नीति के खिलाफ काफी आक्रोश था। एक स्वर में कहा कि शराबबंदी के कानून का सख्ती से पालन कराना उत्पाद विभाग की जिम्मेदारी है। पुलिस उन्हें हर तरह की सहायता उपलब्ध करा सकती है। ऐसे में शराब की बरामदगी का सारा ठीकरा सिर्फ पुलिस के सिर फोड़ना न्यायसंगत नहीं है।

- विभाग की नाकामी, ठीकरा पुलिस पर

एसोसिएशन के अध्यक्ष मृत्युंजय कुमार सिंह ने कहा कि यदि शराबबंदी को लेकर विफलताओं का ठीकरा उत्पाद विभाग पुलिस पर फोड़ेगा तो इसके परिणाम घातक होंगे। क्योंकि हमारे पास केवल शराबबंदी की ही जिम्मेदारी नहीं है बल्कि विधि-व्यवस्था, नक्सली घटनाएं और यहां तक कि ट्रैफिक और छेड़खानी जैसी घटनाओं से निपटने की भी जिम्मेदारी है। एसोसिएशन की उपाध्यक्ष कुमारी वंदना व जेड खान, महामंत्री दीनबंधु राम, संयुक्त सचिव अरविंद कुमार व रविंद्र कुमार सिंह समेत जिलों से आए प्रतिनिधियों ने भी अपनी बातें रखीं।