- दोनों राष्ट्रीय दल के प्रत्याशी पहली बार लड़ रहे विस चुनाव

- भाजपा से राजपाल सिंह तो कांग्रेस से ममता राकेश मैदान में

ROORKEE (JNN) : भगवानपुर विधान सभा उप चुनाव में नामांकन वापसी के साथ ही चुनावी तस्वीर साफ हो गई है। चुनाव मैदान में भाजपा कांग्रेस समेत छह प्रत्याशी मैदान में हैं, लेकिन आमने-सामने का मुकाबला भाजपा-कांग्रेस के बीच ही है। खास यह कि दोनों दलों के प्रत्याशी पहली बार चुनाव लड़ रहे हैं। कांग्रेस प्रत्याशी को जहां विरासत में राजनीति मिली है वहीं भाजपा प्रत्याशी संघ से जुडे़ रहे हैं और वर्तमान में भाजपा रुड़की के जिलाध्यक्ष भी हैं।

सुरेंद्र राकेश की पत्‍ि‌न हैं ममता

क्क् अप्रैल को भगवानपुर विधानसभा उपचुनाव के लिए वोट डाले जाने हैं। सभी प्रत्याशी चुनाव मैदान में दम ठोक रहे हैं, लेकिन सीट का चुनाव इस बार कुछ हटकर है। दोनों ही राष्ट्रीय दलों ने नये प्रत्याशियों को चुनावी रण में उतारा है। बात कांग्रेस प्रत्याशी ममता राकेश की करें तो उन्हें राजनीति विरासत में मिली है। उनके ससुर स्वर्गीय कलीराम राकेश भगवानपुर ब्लाक प्रमुख रहे। इसके अलावा अविभाजित यूपी के समय उन्होंने विधानसभा चुनाव भी लड़ा। प्रत्याशी ममता राकेश के पति स्वर्गीय सुरेन्द्र राकेश ने पिता की विरासत को संभालते हुये अविभाजित यूपी में सपा के टिकट पर जहां पहला लोकसभा चुनाव लड़ा वहीं दो बार भगवानपुर ब्लाक प्रमुख भी रहे।

संभाली थी पिता की विरासत

राज्य गठन के बाद वर्ष ख्00ख् में उन्होंने पहला चुनाव निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में लड़ा और चुनाव हार गए। इसके बाद ख्007, ख्0क्ख् का विधानसभा चुनाव उन्होंने बसपा के टिकट पर लड़ा और जीत भी दर्ज की। ख्0क्ख् में सत्तारूढ़ कांग्रेस सरकार का सहयोग करने पर उन्हें कैबिनेट मंत्री बनाया गया। इस दौरान बसपा से निष्कासित होने के बाद उनकी कांग्रेस से नजदीकी और बढ़ी। भाई को कांग्रेस में शामिल करवाने के साथ ही क्षेत्र में ख्0क्ब् के लोकसभा चुनाव में उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी के पक्ष में प्रचार भी किया। यही वजह है कि छह फरवरी ख्0क्भ् को उनके निधन के बाद यह सीट खाली हुई सीट पर कांग्रेस हाईकमान ने उनकी पत्‍‌नी ममता को कांग्रेस प्रत्याशी बनाया।

भाजपा से मैदान में राजपाल

साफ है कि ममता राकेश को भी राजनीति परिवार से विरासत के रूप में ही मिली। बात भाजपा प्रत्याशी राजपाल सिंह की करें तो वे भी पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ रहे है। संघ से जुडे़ रहे राजपाल वर्तमान में रुड़की भाजपा जिलाध्यक्ष भी हैं। हालांकि टिकट को लेकर पूर्व में भी उनकी दावेदारी रही, लेकिन पार्टी हाईकमान ने अब उन्हें टिकट दिया है। चार निर्दलीय प्रत्याशियों में कोई ऐसा भारी-भरकम नहीं है जो कि चुनाव को प्रत्यक्ष और परोक्ष रूप से प्रभावित कर सकें।