ALLAHABAD: कोई भी त्योहार हो उसकी रौनक मार्केट से ही होती है। सूर्य उपासना के सबसे बड़े त्योहार छठ का शुभारंभ हो गया है और मार्केट पर भी उसका रंग चढ़ चुका है। त्योहार को देखते हुए पूजन सामग्री और मौसमी फलों की कीमतें आसमान पर पहुंच गई हैं। षष्ठी तिथि के दिन डूबते सूर्य को अ‌र्ध्य देने के लिए डाला व सूप से लेकर पूजा में जिन फलों का सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है वे अलोपीबाग, बैरहना व अल्लापुर लेबर चौराहे के आसपास की दुकानों पर बहुत महंगी बिक रही हैं। इन मार्केट में डाला 150 रुपया तो सूप की कीमत 80 रुपए है। जबकि पिछले वर्ष डाला की कीमत 100 से 120 रुपए और सूप 50 रुपए तक बिका था।

 

एक सप्ताह में बढ़ीं कीमतें

छठ पर्व के दौरान डाला व सूप के अलावा डूबते सूर्य को अ‌र्ध्य देने के लिए मौसमी फल भी चढ़ाया जाता है। अलोपीबाग में तीन दिन पहले से ही आधा दर्जन दुकानें लग गई थीं। आलोक भारतीय ने बताया कि केला, सेव, संतरा, अनार, सूखा नारियल व अनानास जैसे फलों की कीमतों में एक सप्ताह के भीतर दस से लेकर 15 रुपए तक की वृद्धि हुई है। उन्होंने बताया कि बनारस से सामग्री मंगवाने पर ट्रांसपोर्ट किराया ज्यादा देने की वजह से कीमतें बढ़ानी पड़ी।

 

छठ पर्व पर पूजन सामग्री की कीमत

केला : 50 रुपए दर्जन

सेव : सौ से 120 रुपए किग्रा

कैथा : 15 रुपए का एक

गन्ना : 20 रुपए का एक

शकरकंद : 50 रुपए किग्रा

नाशपाती : 80 रुपए किग्रा

संतरा : 90 रुपए किग्रा

सूखा नारियल : 30 रुपए का एक

चकोतरा : बड़ा 40 व छोटा 30 रुपए

अनार : सौ रुपया प्रति किग्रा

अनानास : 40 रुपए का एक