RANCHI : चान्हो थाना के सिलागाईं गांव में मंगलवार की हिंसा का खौफ बुधवार को भी दिखा। ग्रामीण अगर दहशत में थे तो उनके चेहरे से आक्रोश भी साफ झलक रहा था। गांव में खामोशी का माहौल था और लोग एक-दूसरे के साथ दर्द व संवेदना भी जाहिर कर रहे थे। पूरा गांव हतप्रभ था कि आखिर यहां की शांति और अमन-चैन को किसकी नजर लग गई। जिस गांव में लोग हर वक्त एक-दूसरी की मदद के लिए हर वक्त खड़ा रहते थे, वह कटुता में कैसे बदल गई, वे समझ नहीं पा रहे थे।

हाथों में पारंपरिक हथियार

दो गुटों के बीच हुई मारपीट के बाद लोगों में दहशत कुछ ऐसा था कि छह सौ परिवारों के बच्चे, बुजुर्ग, महिला और युवा, सभी के हाथों में पारंपरिक हथियार था। इन लोगों ने इसलिए पारंपरिक हथियार उठाया था, ताकि अगर उत्पाती फिर से गांव पहुंचे तो उन्हें मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा। कोई अपनी हाथ में टांगी लिए हुए था तो कोई बांस की बल्ली तो कोई कटार या बलुआ।

एक्स सीएम अर्जुन मुंडा को सुनाया दर्द

बुधवार को एक्स सीएम और बीजेपी लीडर अर्जुन मुंडा का काफिला जैसे ही सिलागाईं गांव पहुंचा, ग्रामीणों ने उन्हें घेर लिया। मंगलवार की हिंसा को लेकर महिलाएं अपना दुखड़ा बता रही थीं। ग्रामीण एक स्वर से कह रहे थे कि उन्हें पहले हम जमीन भी देते थे, पर अब एक दाना भी नहीं देंगे। उनलोगों ने हमारी बिरादरीवालों पर हाथ उठाया है। इसे कतई बर्दाश्त नहीं करेंगे। इसपर अर्जुन मुंडा ने कहा- सबकी बात सुनेंगे। लोग एक-एक कर अपनी बात कहें। ग्रामीणों की एक-एक बात सुनकर अर्जुन मुंडा उसपर एक्शन लेने के लिए डीसी विनय कुमार चौबे को डायरेक्शन दे रहे थे। डीसी खुद ग्रामीणों की शिकायतों को कागज पर लिखते जा रहे थे। ग्रामीणों ने जब सिलागाईं गांव में पुलिस की स्थायी पिकेट बनाने की डिमांड की तो अर्जुन मुंडा ने कहा कि इस बाबत प्रपोजल पुलिस हेडक्वार्टर भेजा जाएगा।

दशरथ भगत की पत्नी को पांच लाख का चेक

एक्स सीएम अर्जुन मुंडा की मौजूदगी में डीसी विनय कुमार चौबे ने मंगलवार की हिंसा में मारे गए दशरथ भगत की पत्नी की रंथू उराईंन को पांच लाख रुपए का चेक सौंपा। हालांकि, ग्रामीण दस लाख रुपए मुआवजा देने की मांग कर रहे थे। इसपर अर्जुन मुंडा ने बाकी के पांच लाख रुपए राज्य सरकार से दिलाने का आश्वासन दिया। इसके अलावे उन्होंने परिवार को इंदिरा आवास, बच्चों को मुफ्त शिक्षा, दशरथ भगत की समाधि स्थल, हिंसा में शामिल आरोपियों की अरेस्टिंग, चान्हो के सीआई एवं बीडीओ पर कार्रवाई करने का भी निर्देश डीसी को दिया। दशरथ भगत की समाधि उसी विवादास्पद जमीन पर बनेगी, जिसे लेकर दो गुटों में मारपीट हुई थी।

कौन है आरोपी, चल हमके दिखा

दशरथ की डेड बॉडी को देखकर शनिचरवा नामक एक अधेड़ को जोश मार गया। वह कहता फिर रहा था कि चल हमके दिखा कौन हौ आरोपी के घर। सबके अकले ही देख लैबे।

दशरथ की बॉडी को सैकड़ों ने दी मिट्टी

मंगलवार की हिंसा में मारे गए दशरथ उरांव के अंतिम दर्शन के लिए न सिर्फ सिलागाईं गांव, बल्कि चान्हो, बेड़ो और इटकी से लोगों के आने का सिलसिला बुधवार की सुबह से ही शुरू हो गया था। इस दौरान सभास्थल पर सैकड़ों लोगों की भीड़ जमा थी। सभा स्थल से घोषणा होने के बाद वे दशरथ भगत के घर पहुंचे। घर से शवयात्रा निकली। शवयात्रा में लोगों ने एक-एक कर दशरथ भगत के पार्थिव शरीर पर मिट्टी डाला। इस मौके पर पूर्व विधायक देवकुमार धान, जिप अध्यक्ष सुंदरी तिर्की, एक्स मेयर रमा खलखो, गंगोत्री कुजुर, गांव के मुखिया, पाहन के अलावे डीसी विनय चौबे, और एसएसपी प्रभात कुमार समेत कई ऑफिसर्स मौजूद थे।