PATNA : शराब का खेल ही ऐसा है कि कब, कौन, किसे और कहां फंसा दे, ये कोई नहीं जानता। आप लाख दुहाई देते रहें, लेकिन पुलिस वाले आपकी नहीं सुनेंगे। ऐसी ही धारणा लोगों के मन में बस गई है। लेकिन इस धारणा को पटना पुलिस ने गलत साबित कर दिया है। शराब बरामदगी के एक ऐसे ही मामले की पुलिस ने जांच की तोपूरा मामला दूध का दूध और पानी का पानी हो गया। जिससे एक निर्दोष सजा पाने से बच गया। वहीं, पुलिस के शिकंजे में असली अपराधी हैं। दरअसल, ये मामला राजधानी के एयरपोर्ट थाना का है। ख्0 मई को पुलिस ने वेटनरी कॉलेज कैंपस में स्थित पीएचईडी डिपार्टमेंट के ऑफिस में रेड की थी। यहां के सुपरिंटेंडेंट इंजीनियर मुनीष चन्द्र झा के ऑफिस से दो बोतल विदेशी शराब बरामद हुई थी। तब पुलिस ने उन्हें अरेस्ट कर लिया था।

- क्या हुआ था उस समय

इंजीनियर के चैंबर में आलमीरा है। उसी के नीचे से पेपर में लपेटी हुई शराब की दो बोतलों को बरामद किया गया था। इसे कब और किसने वहां रखी थी, ये किसी को नहीं पता था। खुद मुनीष चन्द्र झा भी नहीं जानते थे कि उनके चेंबर में शराब से भरी बोतल रखी है। इस बात पर लगातार वो पुलिस के सामने गुहार लगा रहे थे। उन्हें इस बात का एहसास था कि कोई उन्हें फंसा रहा है। इसकी प्रॉपर जांच होनी चाहिए। मामला सिटी एसपी सेंट्रल चंदन कुशवाहा तक पहुंचा। उन्होंने पूरे मामले की जांच का आदेश दिया।

- लिपिक ने रची थी साजिश

एयरपोर्ट थाने के एसएचओ ने मामले की जांच शुरू की। जबकि सिटी एसपी सेंट्रल मॉनिटरिंग कर रहे थे। जांच के दौरान जो सच्चाई सामने आई, वो चौंकाने वाली थी। मुनीष चंद्र को फंसाने के लिए ऑफिस के ही पत्राचार लिपिक मो। निजाम ने साजिश रची थी। उसने अपने साथियों के साथ मिलकर इसे अंजाम दिया था। निजाम काम में लापरवाही बरतता था। इस कारण अक्सर इंजीनियर उस पर उखड़े रहते थे। लिपिक को इंजीनियर का ये रवैया रास नहीं आता था। साथ ही उसे इस बात का डर था कि इंजीनियर कहीं उसे सस्पेंड या फिर ट्रांसफर न कर दे।

- इस तरह प्लानिंग को दिया अंजाम

पहले तो निजाम ने प्लानिंग सेट की। फिर ऑफिस में ही चपरासी राजेश कुमार से विदेशी शराब की दो बोतलें तीन हजार रुपए में खरीदी। फिर बोतलों को पेपर से लपेटा। उस पर ड्राइवर पिंटू का नाम और मोबाइल नंबर लिखा। इसके बाद ख्0 मई की सुबह ऑफिस खुलते ही निजाम शराब की बोतल लेकर इंजीनियर के चेंबर में गया। वहां आलमीरा के नीचे छिपाकर रख दिया और वहां से निकल गया।

- पत्रकार को बनाया मोहरा

मुनीष चन्द्र झा उस दिन फ्.ब्भ् मिनट पर अपने ऑफिस आए थे। कुछ समय बीतने के बाद निजाम ने प्लानिंग के तहत आगे की चाल चली। उसने एक पत्रकार को मोहरा बनाया। पत्रकार को कॉल कर इंजीनियर के ऑफिस में आलमीरा के नीचे शराब की बोतल होने की सूचना दी। फिर इस सूचना को पत्रकार ने एयरपोर्ट थाने की पुलिस को दी। जिसके कुछ ही देर बाद पुलिस टीम ने वहां छापेमारी कर दी थी।

पूरे मामले की गहनता से जांच की गई। जिसमें असलियत सामने आई। निर्दोष इंजीनियर को फंसाने की साजिश रची गई थी। पत्राचार क्लर्क मो., निजाम, चपरासी राजेश और पिंटू को गिरफ्तार कर लिया गया है।

चंदन कुशवाहा, सिटी एसपी, सेंट्रल