भारत में कार बनाने वाली सबसे बड़ी कंपनी मारुति सुज़ुकी इंडिया लिमिटेड के मानेसर प्लांट में 13 दिनों से चल रही हड़ताल ख़त्म हो गई है. हड़ताल के कारण 15 हज़ार गाड़ियों का निर्माण नहीं हो पाया और कंपनी को 700 करोड़ रुपए का नुक़सान हुआ. मगर हम आपको बता रहे हैं एक ऐसी हड़ताल के बारे में जो 13 सालों तक चली थी.

13 सालों तक चली थी वो स्ट्राइक

अमेरिका के डाइमंड आफ द कैलीफोर्निया प्लान्ट में सितम्बर 1991 मे पे इस्यूज को लेकर 600 मेंबर्स ने हड़ताल शुरू की. हड़ताल कुछ ऐसी खिंची कि बस चलती ही रही. एक दो साल नहीं पूरे 13 सालों तक यह हड़ताल जारी रही. आखिरकार तेरह सालों बाद हड़तालियों की मांगे मान ली गईं और नया कान्ट्रैक्ट बनाया गया. ज्यादातर वर्कर्स ने इस बीच दूसरी नौकरियां पकड़ ली थी. उन्हे वापस आने के लिये 10 दिनों की मोहलत दी गई.

13 सालों तक चली थी वो स्ट्राइक

इसी तरह की ही एक हड़ताल उसी साल फिजी में भी शुरू हुई. हड़ताल की वजह लो सैलरी और अनसेफ वर्किंग कन्डीशन्स थी. हड़ताल पर बैठे माइनर्स को 1995 में वापस आने का आदेश दिया गया मगर उनमें से 370 लोगों ने हड़ताल खत्म नहीं की. 13 सालों बाद हाईकोर्ट के एक डिसीजन के बाद इन हड़तालियों को नौकरी से निकाल दिया गया. हालाकि ये लोग अभी भी खुद को हड़ताल पर ही मानते हैं.

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