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PATNA : बिहार के समस्तीपुर के रहने वाले झारखंड कैडर के आईपीएस प्रवीण कुमार सिंह की मौत ने हर किसी को सकते में डाल दिया है। सेंट्रल डेपुटेशन में डीआईजी एनआईए पद पर तैनात प्रवीण की मौत ऐसी बीमारी से हुई है जिसके मरीज पटना में तेजी से बढ़ रहे हैं। बड़ा कारण हाईजीन है जो यहां ध्यान नहीं दिया जा रहा है। विदेश में ट्रेनिंग के दौरान सलाद खाने से कीड़ा उनके ब्रेन में पहुंचा और वही उनकी मौत का कारण बन गया। इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान सहित कई बड़े हॉस्पिटल में इस बीमारी को लेकर पड़ताल की तो पता चला हर माह 500 से अधिक मरीज पटना में आते हैं। न्यूरो सिस्टी सरकोसिस नामक इस बीमारी का बड़ा कारण हरी सब्जियां और फल हैं।

-घातक है न्यूरो सिस्टी सरकोसिस बीमारी

न्यूरो के एक्सपर्ट डॉक्टरों का कहना है कि न्यूरो सिस्टी सरकोसिस की बीमारी बिहार में तेजी से बढ़ रही है। खुले में बिकने वाले फल व अन्य सामानों के साथ हरी सब्जियां काफी हद तक इस बीमारी का कारण हैं। हरी सब्जियों को उगाते समय नाला का पानी खेतों में इस्तेमाल किया जाता है। सब्जी को बाजार में लाने से पहले उसे गंदे पानी से ही जैसे तैसे धुलाई किया जाता है। गंदगी के कारण सब्जियों में न्यूरो सिस्टी सरकोसिस नामक बीमारी पैदा करने वाले अंडे उत्पन्न हो जाते हैं।

खान पान में सावधानी बरतें

-सब्जियां बिना तेज धार वाली पानी से धुले नहीं बनाएं।

-मूली, गांज, खीरा सहित अन्य हरी सब्जियों को खाने से पहले अच्छे से धुलाई कर लें।

-बाजार में बिकने वाले खुले फ्रूट फल को खाने से पहले उसकी सफाई पर ध्यान दें।

-हाईजीन पर विशेष ध्यान दें।

-बच्चों में बीमारी का खतरा अधिक होता है।

-साल में 2 बार डॉक्टर के परामर्श से पेटवार्म की दवा जरुर खाएं।

-कीड़ा आंखों से दिखता नहीं है इसलिए कोई भी सब्जी फल खाने से पहले पानी से धोएं।

पटना में न्यूरो सिस्टी सरकोसिस के मरीज हर दिन आते हैं। इसका बड़ा कारण हरी सब्जियां हैं। हाईजीन का ध्यान रखा जाए और हरी सब्जियों को ताजा पानी से अच्छे से धुलकर खाए। खीरा, मूली सहित अन्य खाद्य पदार्थ अंडों को ब्रेन तक पहुंचने में सहायक हो रहे हैं।

डॉ समरेंद्र प्रताप सिंह, न्यूरो सर्जन, इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान