आप 55 की उमर में भी एलएलबी कर सकते हैं।

बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने नियमों में ढील दी

KANPUR: लॉ की पढा़ई के लिए बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने एज लिमिट का जो ना‌र्म्स बनाया था उसे हटा लिया है। अब अगर बाबा भी चाहें तो वह कानून की डिग्री हासिल कर बार एसोसिएशन में रजिस्ट्रेशन कराकर प्रैक्टिस कर सकते हैं। इस ना‌र्म्स के हटने से आर्मी से रिटायर होने वाले ऑफिसर व सैनिक भी खुश हैं। उन्हें आगे कुछ करने का मौका मिलता है। इस नियम के लागू होते ही काफी सीनियर सिटीजन ने कानून की पढ़ाई शुरू कर दी है। छत्रपति साहू जी महाराज यूनिवर्सिटी में स्टेट लेवल के राजनेता व महंत ने एलएलबी की पढ़ाई शुरू कर दी है।

ब्यूरोक्रेट व डेमोक्रेट्स कर रहे कानून की पढ़ाई

छत्रपति साहू जी महाराज युनिवर्सिटी रजिस्ट्रार सय्यद वकार हुसैन ने बताया कि बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने लास्ट इयर बाउंडेशन को जो नियम बनाया था उसे हटा लिया है। एलएलबी की पढा़ई में अब कोई एज लिमिट नहीं है। यही वजह है कि अब काफी सीनियर लोग एलएलबी एंट्रेंस में शिरकत करते हैं। सिटी डीआईजी नीलाब्जा चौधरी ने भी सीएजेएमयू में एडमिशन लिया है। डीआईजी के अलावा बीजेपी के सिटी प्रेसीडेंट नार्थ, सत्ताधारी दल के सीनियर राजनेता अमिताभ बाजपेई और पनकी मंदिर महंत जितेन्द्र दास भी कानून की पढ़ाई कर रहे हैं।

ऐडेड कॉलेजों में मारामारी

सीएसजेएमयु में लॉ की तीन कॉलेज ऐडेड केटेगिरी में आते हैं। जिसमें कि वीएसएसडी कॉलेज, डीसी ऑफ लॉ और बीएनडी लॉ कॉलेज हैं। इसके अलावा युनिवर्सिटी में करीब 50 लॉ कॉलेज हैं। जहां सेल्फ फाइनेंस की क्लासेस चल रही हैं। ऐडेड कॉलेजों एडमिशन लेने का सबसे ज्यादा फायदा यह मिलता है कि यहां फीस कम लगती है। क्लासेस भी नियमित लगती है। यही वजह है कि ज्यादातर कैंडिडेट इन्ही कॉलेजों को प्रायोरिटी पर रखते हैं। सीएसजेएमयु में एलएलबी में एडमिशन के लिए एंट्रेंस एग्जाम क्वालिफाई करना होता है। इस बार यह एंट्रेंस युनिवर्सिटी के कैंपस एंट्रेंस एग्जाम से अलग कंडक्ट कराने की तैयारी की गई।

ऐडेड कॉलेज में एलएलबी की सीटें

बीएनडी कॉलेज मे 300

वीएसएसडी कॉलेज में 300

डीसी ऑफ लॉ में 300