- सीएमओ ने सभी सरकारी अस्पतालों के विभागाध्यक्षों से प्राइवेट प्रैक्टिस करने वाले डॉक्टरों के नाम मांगे

- शहर में प्राइवेट प्रैक्टिस करने वाले डॉक्टर्स पर निगरानी के लिए गठित कमेटी ने कभी नहीं की बैठक

KANPUR: लखनऊ में प्राइवेट प्रैक्टिस करने वाले सरकारी डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई और शासन की सख्ती के बाद सीएमओ कानपुर ने भी सभी सरकारी अस्पतालों में प्राइवेट प्रैक्टिस करने वाले डॉक्टर्स की जानकारी मांगी है, लेकिन अभी तक सीएमओ को कहीं से कोई जवाब नहीं मिला है। इस हिसाब से तो यही लगता है कि यहां पर कोई भी सरकारी डॉक्टर प्राइवेट प्रैक्टिस नहीं करता है। लेकिन सवाल ये भी उठता है कि एक साल पहले ऐसे डॉक्टर्स पर नजर रखने के लिए कमेटी बनाई गई थी, जिसकी आज तक एक भी मीटिंग नहीं हुई है। सोर्सेज की मानें तो कमेटी में शामिल कई सीनियर मोस्ट डॉक्टर्स खुद प्राइवेट प्रैक्टिस करते हैं, जिसकी वजह से इस मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया।

किसी विभाग ने नहीं दिया जवाब

दरअसल सीएमओ ने मेडिकल कॉलेज के अस्पतालों के साथ ही सभी सरकारी अस्पतालों में विभागाध्यक्षों को पत्र लिख कर उनसे प्राइवेट प्रैक्टिस करने वाले डॉक्टर्स की लिस्ट मांगी थी। सीएमओ डॉ। रामायण प्रसाद यादव ने बताया कि अभी तक तो किसी विभाग से कोई जवाब नहीं आया है। शासन से जैसे निर्देश आए थे, उसे लागू करने के लिए प्रयास शुरू कर दिए हैं।

यहां हेड करते हैं प्राइवेट प्रैक्टिस

सोर्सेज के मुताबिक मेडिकल कॉलेज समेत शहर के हर सरकारी अस्पताल के डॉक्टर्स प्राइवेट प्रैक्टिस करते हैं। कुछ अपने घरों पर फीस लेकर मरीज देखते हैं तो कुछ प्राइवेट अस्पतालों में या फिर प्राइवेट क्लीनिक में जाकर मरीज देखते हैं। इस साल की शुरुआत में जब स्वाइन फ्लू फैला था तो आईडीएच के अधीक्षक खुद गोल चौराहे स्थित एक प्राइवेट अस्पताल में प्रैक्टिस करते हुए एक स्टिंग में पकड़े गए थे। उनके खिलाफ जांच भी बैठी थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई थी।