- काशी विद्यापीठ में अब तक गांधी अध्ययन व दर्शन में एडमिशन के लिए अब तक नहीं पहुंचा एक भी फॉर्म

- विभिन्न कोर्सेज में 17,900 कैंडीडेट्स ने भरा फॉर्म, आवेदन करने की लास्ट डेट है चार मई

VARANASI:

महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के संस्थापकों में से एक मोहनदास करमचंद गांधी को जानने और समझने में यहीं के स्टूडेंट का इंटरेस्ट नहीं है। जी हां, यह खुलासा यहां करेंट सेशन के लिए भरे जा रहे एडमिशन फॉर्म से हुआ है। यूनिवर्सिटी के ग्रेजुएशन, पीजी, एमफिल व प्रोफेशनल कोर्सेज में एडमिशन के लिए ऑनलाइन आवेदन ख्भ् मार्च से जारी हैं। अब तक क्7,800 से अधिक कैंडीडेट्स आवेदन कर चुके हैं। जबकि एमए गांधी अध्ययन व दर्शन में अब तक खाता ही नहीं खुला है।

अन्य कोर्सेज में मची होड़

एडमिशन फॉर्म भरे जाने की शुरुआत होने के ख्0 दिनों बाद भी इन दोनों कोर्सेज में अब तक एक भी कैंडीडेट्स ने आवेदन नहीं किया है। हालांकि, ऑनलाइन आवेदन करने की लास्ट डेट चार मई है। वहीं दूसरी ओर कई ऐसे कोर्सेज हैं जहां फॉर्म भरने के लिए होड़ मची है। इनमें बीकॉम, एमकॉम, एमएसडब्ल्यू, एमए मॉस काम, बीए सहित अन्य प्रोफेशनल कोर्सेज शामिल हैं। इन कोर्सेज में एक सीट के सापेक्ष चार से छह गुने कैंडीडेट हैं। संख्या अभी और बढ़नी तय है। लास्ट इयर यूनिवर्सिटी के विभिन्न कोर्सेज में लगभग ख्ब्,000 कैंडीडेट्स ने एडमिशन के लिए दावेदारी की थी। इस साल ख्भ्,000 से अधिक आवेदन आने की संभावना है। ऐसे में इस साल भी कई कोर्सेज में एडमिशन के लिए कड़ा कॉम्पटीशन होना तय है।

कम अप्लीकेशन पर मेरिट

यदि किसी कोर्स में सीट के सापेक्ष दोगुने से कम अप्लीकेशन आए तो उन कोर्सेज में एंट्रेंस एग्जाम नहीं कराया जाएगा। यानि कि ऐसे कोर्सेज में एडमिशन मेरिट के आधार पर होगा। कैंडीडेट्स की संख्या को देखते हुए गांधी अध्ययन सहित आधा दर्जन से अधिक कोर्सेज में मेरिट से एडमिशन होने की संभावना बन रही है। हालांकि, इस तरह का प्रयोग यूनिवर्सिटी में पिछले कई सालों से चल रहा है।