- कॉलेजों की भरमार और एडमिशन लेने वाले स्टूडेंट्स का टोटा

- 540 प्रोफेशनल व सेल्फ फाइनेंस कॉलेज हैं सीसीएसयू से संबद्ध

- जहां बीबीए और बीसीए में एडमिशन का खाता भी नहीं खुल पाया

- सैकड़ों कॉलेज लाइन में, एफिलिएशन को दे रहे हैं एजूकेशन तर्क

रूद्गद्गह्मह्वह्ल: सीसीएसयू से संबद्ध प्रोफेशनल और सेल्फ फाइनेंस कॉलेजों की भरमार है। इसके साथ ही सैकड़ों कॉलेज अभी लाइन में लगे हैं। जब से सीसीएसयू को एफिलिएशन की ऑथोरिटी मिली है तब से कई और कॉलेज लाइन में आ गए हैं, लेकिन यहां कुछ कोर्स में स्थिति काफी गंभीर है। जिनमें स्टूडेंट्स के रजिस्ट्रेशन सीट से काफी कम हैं। कई कॉलेजों में तो खाता भी नहीं खुला है। मगर ये कॉलेज इन कोर्स के नाम पर ही कॉलेज की एफिलिएशन आगे बढ़ा रहे हैं। वीसी के सामने इंटरव्यू में भी ऐसे कोर्सेज का ही हवाला देकर एफिलिएशन मांग रहे हैं।

कॉलेजों की स्थिति

सीसीएस यूनिवर्सिटी से संबद्ध एडेड, गवर्नमेंट, सेल्फ फाइनेंस और प्रोफेशनल कॉलेजों की संख्या 605 है। जिसमें 65 एडेड और गर्वनमेंट कॉलेज हैं। बाकी 540 प्रोफेशनल और सेल्फ फाइनेंस कॉलेज हैं। इन प्रोफेशनल और सेल्फ फाइनेंस कॉलेजों में ट्रेडिशनल व प्रोफेशनल कोर्स मिलाकर 27 कोर्स हैं। कई कोर्स ऐसे हैं जिनका आजतक स्टूडेंट्स को पता भी नहीं है। इनको करने के बाद भविष्य क्या होगा इसके बारे में भी कोई जानकारी स्टूडेंट्स को नहीं है। इनमें ही बीबीए और बीसीए जाने पहचाने कोर्स हैं।

बीबीए और बीसीए

फिलहाल इन कॉलेजों में रजिस्ट्रेशन चल रहे हैं। जहां ट्रेडिशनल कोर्स के लिए एडमिशन प्रक्रिया जारी है। प्रोफेशनल कोर्स में बीबीए और बीसीए की हालत काफी गंभीर है। जहां सीटों से काफी कम रजिस्ट्रेशन हुए हैं। कभी इन सब्जेक्ट्स में एडमिशन लेने के लिए काफी मारामारी रहती थी, लेकिन अब इनकी हालत ये है कि सीटें अधिक हैं और रजिस्ट्रेशन कम हैं। जिनमें आजकल स्टूडेंट्स एडमिशन लेने से किनारा कर रहे हैं। जबकि ये कोर्स जॉब ऑरिएंटेड माने जाते हैं।

ये है हाल

प्रोफेशनल कॉलेजों में बीबीए की बात करें तो इनमें सीटों की संख्या 17880 है। जिसमें टोटल रजिस्ट्रेशन 13235 हुए हैं। वहीं बीसीए में 18720 सीटें हैं और रजिस्ट्रेशन 9926 ही हुए हैं। सेल्फ फाइनेंस कॉलेजों में बीबीए की हालत और भी खराब है। जहां बीबीए की 420 सीटों के लिए केवल 284 ही रजिस्ट्रेशन हुए हैं। कई कॉलेज ऐसे हैं जिनमें बीबीए और बीसीए के लिए रजिस्ट्रेशन ही नहीं हुआ। इन कॉलेजों की हालत बंदी की सी बनी हुई है। लेकिन यहां अन्य सब्जेक्ट्स में भी हालत खराब है, फिर भी किसी तरह ये कॉलेज की नींव जमाए हुए हैं।

इंटरव्यू में हवाला

कुछ दिन पहले सीसीएस यूनिवर्सिटी को शासन से एफिलिएशन की ऑथोरिटी दे दी गई। अब यूनिवर्सिटी के पास वह ऑथोरिटी है कि वह खुद कॉलेजों को एफिलिएशन दे सकती है। ऐसे में सैकड़ों कॉलेज जो लाइन में लगे थे और शासन व यूनिवर्सिटी के चक्कर काट रहे थे अब वीसी के पास घूमते नजर आ रहे हैं। यूनिवर्सिटी के वीसी भी इन कॉलेज खोलने वालों का खासा इंटरव्यू लेकर प्रक्रिया आगे बढ़ा रहे है। जहां कुकुरमुत्तों की तरह खुल रहे इन कॉलेजों को खोलने की वजह पूछी जाती है। कॉलेज वाले भी स्टूडेंट्स को नई दिशा देने का हवाला देकर इन कोर्स की मंजूरी लेकर नींव रख रहे हैं।

सीटों के सापेक्ष रजिस्ट्रेशन

प्रोफेशनल कॉलेज

बीबीए के लिए सीटें - 17880

रजिस्ट्रेशन हुए - 13235

अप्लाई किया - 18030

बीसीए के लिए सीटें - 18720

रजिस्ट्रेशन हुए - 9926

अप्लाई किया - 15669

सेल्फ फाइनेंस कॉलेजों में बीबीए

कुल सीटें - 420

रजिस्ट्रेशन - 284

अप्लाई - 290

कॉलेज लगातार खुलते जा रहे हैं। एडमिशन के लिए बच्चे आ नहीं रहे। कई कॉलेजों में तो बीबीए और बीसीए के लिए स्टूडेंट्स ही नहीं आ रहे। वीसी साहब के पास भी जो आता है इन्हीं सब्जेक्ट्स के लिए कहता है। या तो ये सब्जेक्ट्स या फिर बीएड। जबकि हालत लगातार खराब होती जा रही है।

- प्रोफेसर वाई विमला, एडमिशन कोर्डिनेटर