अल्लाह हू अल्लाह हू
अपने चाहने वालों के बीच एनएफएके, खान साहेब और शहंशाह-ए-कव्वाली के नाम से फेमस नुसरत फतेह अली खान की ये सबसे मशहूर कव्वाली है। बस तस्वीरों पर क्लिक करिए और लीजिए इस जादुई आवाज की मस्ती का मजा।

कोई ना जाने
बॉलीवुड में भी अपनी आवाज का जादू बिखेर चुके नुसरत साहब की ये सबसे मशहूर बॉलीवुड कव्वाली है जो उन्होंने फिल्म और प्यार हो गया में गाई थी और इसे बॉबी देयोल और ऐश्वर्या राय पर फिल्माया गया था। इस गाने में खुद नुसरत भी नजर आये थे।

कानून के छात्र, पेंटर और होम्योपैथी के जानकार एक्टर को लोग कहते थे दादामुनि

इस शाने करम का क्या कहना
फिल्म कच्चे धागे में भी नुसरत फतेह अली खान ने अपनी आवाज का जादू बिखेरा था। ये पहली फिल्म थी जिसमें नुसरत और सुर साम्राज्ञी लता मंगेशकर दोनों ने अपनी आवाज दी थी। फिल्म की कव्वाली इस शाने करम का क्या कहना बड़ी फेमस हुई थी। फिल्म में अजय देवगन और सैफ अली खान के साथ मनीषा कोईराला भी थीं। 

जब 32 की उम्र में लता मंगेशकर को दे दिया गया था धीमा जहर

आफरीन आफरीन 
वैसे तो कव्वाली आफरीन आफरीन राहत फतेह अली खान की आवाज में भी खासी फेमस हुई है। खासतौर पर जो वर्जन उन्होंने कोक स्टूडियो के लिए गाया है, लेकिन इसे ओरिजनली नुसरत साहब ने गाया है। 

गिनीज रिकॉर्ड बनाने वाली आशा भोसले की ये 10 बातें नहीं जानते होंगे आप

ये जो हल्का हलका सुरूर है
नुसरत फतेह अली खान की आवाज का जादू और उनकी कव्वाली गायकी का असली असर उनकी गाई इस कव्वाली में भी दिखता है। हल्का हलका सुरूर माने में उन्हें एक सूफी मिजाज कव्वाल के रूप में सामने लाती है। 

  

 

अल्लाह हू अल्लाह हू

अपने चाहने वालों के बीच एनएफएके, खान साहेब और शहंशाह-ए-कव्वाली के नाम से फेमस नुसरत फतेह अली खान की ये सबसे मशहूर कव्वाली है। बस तस्वीरों पर क्लिक करिए और लीजिए इस जादुई आवाज की मस्ती का मजा।

नुसरत फतह अली खान की 5 कव्‍वालियां जो उन्‍हें बताती हैं सूफी

कोई ना जाने

बॉलीवुड में भी अपनी आवाज का जादू बिखेर चुके नुसरत साहब की ये सबसे मशहूर बॉलीवुड कव्वाली है जो उन्होंने फिल्म और प्यार हो गया में गाई थी और इसे बॉबी देयोल और ऐश्वर्या राय पर फिल्माया गया था। इस गाने में खुद नुसरत भी नजर आये थे।

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इस शाने करम का क्या कहना

फिल्म कच्चे धागे में भी नुसरत फतेह अली खान ने अपनी आवाज का जादू बिखेरा था। ये पहली फिल्म थी जिसमें नुसरत और सुर साम्राज्ञी लता मंगेशकर दोनों ने अपनी आवाज दी थी। फिल्म की कव्वाली इस शाने करम का क्या कहना बड़ी फेमस हुई थी। फिल्म में अजय देवगन और सैफ अली खान के साथ मनीषा कोईराला भी थीं। 

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जब 32 की उम्र में लता मंगेशकर को दे दिया गया था धीमा जहर

 

आफरीन आफरीन 

वैसे तो कव्वाली आफरीन आफरीन राहत फतेह अली खान की आवाज में भी खासी फेमस हुई है। खासतौर पर जो वर्जन उन्होंने कोक स्टूडियो के लिए गाया है, लेकिन इसे ओरिजनली नुसरत साहब ने गाया है। 

नुसरत फतह अली खान की 5 कव्‍वालियां जो उन्‍हें बताती हैं सूफी

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ये जो हल्का हलका सुरूर है

नुसरत फतेह अली खान की आवाज का जादू और उनकी कव्वाली गायकी का असली असर उनकी गाई इस कव्वाली में भी दिखता है। हल्का हलका सुरूर माने में उन्हें एक सूफी मिजाज कव्वाल के रूप में सामने लाती है।

नुसरत फतह अली खान की 5 कव्‍वालियां जो उन्‍हें बताती हैं सूफी  

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