हाईकोर्ट के आदेश भी नहीं शुरू हुई गिनती

16 मई को हाईकोर्ट ने इस संबंध में सख्त आदेश जारी करते हुए नगर निगम को नसबंदी कर के आवारा कुत्तों की गिनती करने को कहा थाचार महीने बीतने के बावजूद अब तक गिनती की कोई प्लानिंग नहीं की गई हैनगर निगम हर महीने 325 कुत्तों की नसबंदी का दावा कर रहा हैहर साल करीब 47000 लोग कुत्तों के नुकीले दांतों का शिकार हो रहे हैंमगर महीने की 325 के हिसाब से ज्यादा से ज्यादा 4000 कुत्तों को ही काबू करने में नगर निगम कामयाब है

बढ़ती जा रही कुत्तों की संख्या

आवारा कुत्तों की गिनती लगातार बढ़ती जा रही हैपालतू कुत्तों के लिए लाइसेन्स जरूरी है, लेकिन आवारा कुत्तों के लिए कुछ नहींरात 11 बजे के बाद सड़क पर आवारा कुत्तों का राज हो जाता हैये झुंड बनाकर टहलते हैंसड़क से गुजरने वालों पर कब हमला कर दें, कोई नहीं जानतालगातार बढ़ती संख्या के साथ इनका आतंक भी बढ़ता जा रहा है.

नहीं किया जा सकता है दूर

एनिमल वेलफेयर सोसाइटी के कानून के मुताबिक इन कुत्तों को उनके इलाके से दूर नहीं किया जा सकता हैइसकी वजह यह है कि वह अपने क्षेत्र की भौगोलिक परिस्थितियों से पूरी तरह वाकिफ होते हैंउन्हें खाना ढूंढऩे में दिक्कत नहीं होती है, लेकिन यदि इन्हें अपने इलाके से दूर भेजा जाएगा तो वह ज्यादा खतरनाक साबित हो सकते हैं

कुत्तों को रखने की है परेशानी

जहां तक ब्रीडिंग रोकने का सवाल है तो कुत्तों की नसबंदी कराकर एंटी रैबीज का इंजेक्शन लगाकर छोड़ा जा सकता हैइस बारे में नगर निगम के पशु चिकित्सा अधिकारी डॉएके राव ने बताया कि कैम्प कार्यालय के पास एबीसी प्रोग्राम चल रहा हैइसके तहत फीमेल डॉग को पकड़ा जा रहा है और ऑपरेट करके ओवरी बाहर कर दी जाती हैलेकिन कुत्तों को रखने के लिए कोई उपयुक्त जगह उनके पास नहीं है.

पागल कुत्ते की पहचान

मुंह से लार टपकना

बिना किसी वजह के इधर-उधर भागना

पूंछ का झुक जाना

श्वानालय में भी पड़े हैं खाली

अमौसी के पास 120 एकड़ भूमि पर कान्हा उपवन में आवारा कुत्तों के लिए 257 वर्ग मीटर में भैरव चरण श्वानालय बनाया गयालेकिन यहां भी कुत्ते नहीं हैंआरआर विभाग के सामने भी पशु चिकित्सालय बनाने का काम चल रहा था, लेकिन सेना ने इस जमीन पर मालिकाना हक ठोंक दियाजिसकी वजह से काम रुका है

सदन में नहीं उठती कोई मांग

नगर निगम के कारपोरेटर भी कुत्तों की समस्या को गंभीरता से नहीं लेतेयही वजह है कि सदन की बैठक में कभी भी कुत्तों के आतंक से निपटने के लिए ना तो कोई प्रस्ताव आया और ना ही इस विषय पर कोई चर्चा हुई

कुत्तों से परेशान मोहल्ले

नरही, कैसरबाग, ठाकुरगंज, चौपटिया, कैम्पवेल रोड, कैसरबाग, चौक, चारबाग, ऐशबाग, बालागंज

 

क्या कहते हैं अधिकारी

डालीबाग, बटलर पैलेस और अन्य वीआईपी कालोनी के आस-पास रहने वाले कुत्तों को टीका लगा दिया गया हैयदि यह किसी को काटेंगे तो भी नुकसान नहीं होगाकुत्तों की गिनती का काम भी चल रहा हैइसके अलावा नसबंदी भी हो रही है

-डॉ.एके राव

पशुचिकित्साधिकारी

 

पिछले महीने एंटी रेबीज के लगे इंजेक्शन

बलरामपुर हॉस्पिटल- 1620

डॉ.राम मनोहर लोहिया- 2043

सिविल अस्पताल- 877

अन्य स्वास्थ्य केन्द्र- 1635