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PATNA : 145 छोटे-बड़े कोचिंग सेंटर कोटा में देशभर से आए हजारों स्टूडेंट्स के लिए सपना देखने का जरिया है। मेडिकल और आईआईटी एंट्रेंस क्लियर करने की अंधी चाह ने इन कोचिंग्स के टैलेंट को फैक्ट्री में बदल दिया है। आइ नेक्स्ट की इस स्पेशल पेशकश में हम आपको दिखाते हैं कि आखिर कोटा में ऐसा क्या है जो स्टूडेंट्स के लिए 'मौत' बन रही है।

टैलेंट फैक्ट्री का माहौल जानलेवा

कोटा में हॉस्टल और कोचिंग की भरमार है। आधे से ज्यादा आबादी ने घर में ही हॉस्टल खोल रखे हैं। महंगे फीस के साथ इन हॉस्टल का खर्चा भी काफी ज्यादा है। वहां रह रहे स्टूडेंट्स के मुताबिक मुश्किल से आठ बाई आठ का कमरा दस हजार रुपए महीने में मिलता है। जबकि पटना में थ्री बीएचके का फ्लैट इतने ही रुपए में आसानी से मिल जाता है। दस हजार में कई गुना ज्यादा दर पर बिजली, खाना स्टूडेंट्स की मुसीबत बढ़ाती है। कोचिंग की पढ़ाई ऐसी की घंटो सवाल को सॉल्व करने के आसान फॉर्मूले और प्रैक्टिस में निकल जाते हैं।

मौत के चार जिम्मेदार

कोटा में पढ़ाई कर रहे और पास आउट स्टूडेंट्स से बातचीत में मौत के ये चार जिम्मेदार सामने आए।

1. पढ़ाई और सिर्फ पढ़ाई- सारे कोचिंग संस्थानों का पूरा फोकस पढ़ाई पर होता है। यहां बच्चों पर अच्छा प्रदर्शन करने का जबरदस्त दबाव होता है। यहां पढ़ाई के अलावा ऐसे किसी दूसरे काम के लिए काम कोई जगह नहीं है, जिससे बच्चों पर से दबाव कुछ कम हो।

2. असफलता के बाद अपमान- असफल होने वाले स्टूडेंट्स के लिए शर्मिदगी के हालात। कम रैंक वाले बच्चों को पीछे की सीटों पर बैठने को कहा जाता है। आरोप है कि टीचर टॉपर्स को ज्यादा तरजीह देते हैं।

3. अपराध बोध- जो बच्चे लाख कोशिशों के बावजूद अच्छे नंबर नहीं ला पाते, इस अपराध बोध से ग्रसित हैं कि वे अपने घरवालों और अध्यापकों की उम्मीदों पर खरे नहीं उतर पाते हैं।

4. नहीं मिलती छुट्टियां - बहुत सारे बच्चों को कोचिंग कोर्स ढेर सारे किताब और बिना छुट्टी की वजह से बहुत कठिन महसूस होता है। पूरे साल में दीवाली के वक्त एक हफ्ते की छुट्टी मिलती है। यहां संडे को भी टेस्ट होते हैं। इतना कुछ है कि अगर बच्चे से एक क्लास भी छूट जाए तो वो पिछड़ जाता है।

The Rs 1700 Crore Market

- Estimated annual turnover of coaching industry at Kota is Rs 1700 Crore

- 2,000 teachers employed in this business

- Yearly salary range of at least 300-400 teachers is between Rs 60 lakh -1.5 crore

(Source- Coaching Institutes)