PATNA : टीईटी की रिजल्ट को लेकर बोर्ड सवालों के घेरे में है। न आंसर -की जारी किया जा रहा है और न ही विषयवार गलत सवालों के बारे में जानकारी दी जा रही है। इसके अलावा आरटीई के नियमों की भी अनदेखी की गई है। टीईटी के रिजल्ट प्रकाशन के बाद से ही कैंडिडेट्स आंदोलनरत हैं। मात्र क्7 फीसदी कैंडिडेट पास किए हैं। चयन से बाहर कैंडिडेट्स के सवालों का सही और समुचित जवाब नहीं दिया जा रहा है। सबसे बड़ा सवाल व्हाइटनर का भी है, क्योंकि बोर्ड द्वारा इनवैलिड रिजल्ट का 90 परसेंट हिस्सा व्हाइटनर इश्यू को ही बताया जा रहा है। लेकिन यह कब, कहां और कैसे प्रयोग में आया- इसका जवाब बोर्ड देने में सक्षम नहीं है और जांच भी नहीं करायी जा रही है। इसके कारण क्क्,फ्भ्क् कैंडिडेट्स का भविष्य अधर में है।

आज भी होगा आंदोलन

सोमवार को जहां बिहार बोर्ड ऑफिस में चयन से बाहर रहे कई कैंडिडेट्स स्कू्रटनी के लिए पहुंचेंगे वहीं रिजल्ट प्रकाशन के पहले दिन से आंदोलनरत कैंडिडेट्स और टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थी संघ के प्रतिनिधि भी आंदोलन जारी रखेंगे। बिहार राज्य टीईटी-एसटीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थी संघ के प्रदेश अध्यक्ष चंदन शर्मा ने कहा कि टीईटी कैंडिडेट्स के साथ पहले और इस बार भी अन्याय हुआ है।

जारी करें आंसर-की

स्क्रूटनी के लिए बोर्ड ऑफिस में आवेदन कांउटर खोल दिया गया। ऑफलाइन आवेदन जमा लेने के लिए फ्0 सितंबर तक दो खिड़की खुली रहेगी। वहीं ऑनलाइन आवेदन के लिए ख् अक्टूबर तक मौका दिया है। रविवार को ख्07 आवेदन प्राप्त हुए। अध्यक्ष आनंद किशोर ने बताया कि टीईटी की आंसर-की परीक्षा समिति की वेबसाइट पर अपलोड करने का आदेश दे दिया गया है। स्क्रूटनी के लिए आवेदन करने वालों के ई-मेल पर ओएमआर शीट उपल?ध कराया जाएगा। बताया कि टीईटी के दो पेपर में म्फ्0 प्रश्न थे जिसमें ख्8 प्रश्न गलत थे।

इन सवालों का जबाव नहीं दे रहा बिहार बोर्ड

टीईटी में कैंडिडेट्स का प्रवेश बॉयोमीट्रिक प्रणाली से लिया गया। प्रवेश से पहले कड़ाई से जांच भी की गई। ऐसे में यह कैसे संभव है कि ये सभी व्हाइटनर लेकर अंदर गए और उसे यूज किया?

नियम कहता है कि किसी भी एग्जाम की आंसर-की बेवसाइट पर जरूर अपलोड हो, लेकिन बोर्ड ने ऐसा नहीं किया। हल्ला मचाने पर रिजल्ट आने के ब् दिन बाद आंसर की क्यों अपलोड की गई?

बोर्ड ने स्वीकार किया कि टीईटी में कई प्रश्न गलत थे। उन प्रश्नों को हटा रिजल्ट प्रकाशित किया गया। बोर्ड क्यों छुपा रहा है कि किस विषय से, कौन से सेट से और कौन से प्रश्न गलत थे?

रिजल्ट जारी होने के कुछ दिन पहले ही पुलिस ने टीईटी में पास करने वाले एक गिरोह को पकड़ा था। गिरोह के पास से कैंडिडेट का डाटा मिला था। सवाल उठता है कि कहीं गिरोह के कारण तो नहीं कुछ को पास और कुछ को फेल किया गया?

टीईटी में कई प्रश्न गलत थे, बोर्ड अध्यक्ष ने भी स्वीकार किया। ऐसे में यह कैसे पता चलेगा कि जो सवाल गलत थे उनमें किसे कितने नंबर दिए गए? ऐसा तो नहीं कि बोर्ड ने अपनी गलती छुपाने के लिए कैंडिडेट्स के भविष्य पर व्हाइटनर लगा दिया हो ?