JAMSHEDPUR : स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में ख्7 करोड़ लोगों के अकाउंट्स हैं। क् अक्टूबर को क्क् करोड़ लोगों ने ट्रांजैक्शन किया, इनमें फ्.फ्म् करोड़ ट्रांजैक्शन एटीएम के थ्रू हुआ। यह खुशी की बात है कि इस बैंक से इतने सारे लोग जुड़े हैं। पर यह संतुष्टि प्रदान नहीं कर रहा। भारत जैसे देश में इससे कहीं ज्यादा संभावनाएं हैं, इसलिए अभी काफी कुछ करना बाकी है। ऐसा कहना था एसबीआई के मैनेजिंग डायरेक्टर बी श्रीराम का। वे एक्सएलआरआई में ऑर्गेनाइज हो रहे 'थर्ड इंटरनेशनल वर्कशॉप ऑन इंक्लूसिव फाइनांस' के इनॉगरल डे पर अपनी स्पीच दे रहे थे। उन्होंने कहा कि आज हर कंपनी के लिए कस्टमर तक आसान पहुंच बनाना पहली प्राथमिकता है और इसमें एसबीआई कनेक्टिविटी पर खास ध्यान दे रही है। उनका कहना था कि कनेक्टिविटी अच्छी होने पर कस्टमर की परेशानियों को कम किया जा सकता है। यह प्रोग्राम ख् नवंबर तक चलेगा।

रिलेशनशिप डेवलप करना होगा

एसबीआई के एमडी बी श्रीराम ने कहा कि इंक्लूशिव फाइनांस के तहत फाइनांस सर्विसेज सोसाइटी के निचले तबके तक एफॉर्डेबल कॉस्ट पर पहुंचाने की कोशिश की जाती है, जबकि फाइनांशियल इंक्लूजन के तहत लोगों के साथ एक रिलेशनशिप डेवलप किया जाता है। उनका कहना है कि इसके तहत तीन बातें आती हैं, ट्रांजैक्शन, प्रोडक्ट और सर्विसेज। उन्होंने कहा कि कस्टमर के साथ रिलेशनशिप डेवलप करने पर उनका प्रोडक्ट और सर्विस के प्रति एक विश्वास जागता है जो फ्यूचर के लिए अच्छा साबित हाेता है।

इमर्ती कहां से कहां पहुंच गई

प्रोग्राम के दौरान बेसिक्स के फाउंडर और सीईओ विजय महाजन ने बिहार के जमुई जिले की इमर्ती के बारे में बताया कि 80 के दशक में सेल्फ हेल्फ ग्रुप बनाने वाली इमर्ती आज एक फेडरेशन की हेड है। उनका कहना था कि व‌र्ल्ड ऑफ फाइनांस को ज्वॉइंट स्टॉक कंपनी ने हाईजैक कर लिया है। उन्होंने बताया कि ब्रिटिश एरा में परमानेंट सेटलमेंट के समय ही इंक्लूसिव फाइनांस की शुरुआत हो गई थी जब लोगों को लैंड रेवेन्यू कैश में देना पड़ता था। उन्होंने एक्सलर्स से अपील किया कि वे म्युचुअल्स की तरफ काम करें और ज्यादा से ज्यादा लोगों को जोड़ने की कोश्ि1ाश करें।

योजनाएं सही जगह पहुंचे

इनॉगरल सेशन के बाद पैनल डिस्कशन हुआ। पहले पैनल डिस्कशन के दौरान दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स के प्रो और डेवलपमेंट इकोनॉमिस्ट जीन ड्रेज ने कहा कि सरकार द्वारा चलाई जाने वाली योजनाओं का लाभ सही व्यक्ति तक पहुंचाना एक चुनौती की तरह है। उन्होंने प्रधानमंत्री जन-धन योजना की तारीफ करते हुए कहा कि गरीबों को फाइनांस और इंश्योरेंस सेक्टर से जोड़ने के लिए कई योजनाएं चलाई जाती हैं, पर अभी तक उसका लाभ जरुरतमंदों को जितना मिलना चाहिए था उतना नहीं मिल पाया है।

प्रोग्राम के इनॉगरेशन के मौके पर एक्सएलआरआई के डायरेक्टर फादर ई अब्राहम ने कहा कि गरीबी सिस्टम की देन है। उन्होंने कहा कि गरीबों तक फानांशियल सर्विसेज की पहुंच होनी चाहिए। कंपनियों द्वारा चलाए जाने वाले सीएसआर की अच्छी तरह मॉनिटरिंग होनी चाहिए और यह कोशिश होनी चाहिए कि इसका लाभ जरुरतमंदों को मिले। इस प्रोग्राम को ऑर्गेनाइज करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले एक्सएलआरआई के डॉ एचके प्रधान ने भी अपनी बात रखी।